दोस्तो 1 अप्रैल
2017 से आपको अपने दैनिक जीवन काफी कुछ बदलाव आनेवाले है जानिए कुछ इस प्रकार से ।
भारत सरकार की बहुत सारी
नीति 1 अप्रैल 2017 से पूरे भारत मे लागू हो जाएगी जिसे आप चाह करके भी हटा नहीं
पाएंगे । आज मैं आपको बताऊंगा की 1 अप्रैल से कौन कौन सी चीज बदल जाएगी और कौन कौन
से नियम को आपको मानने परेंगे ।
1) Income Tax के नियम 1 अप्रैल से बादल जाएंगे । इसके अनुसार अगर आपकी सालाना आय 2.5
लाख से 5 लाख तक है तो आपको 10% के बजाए 5% ही Tax Pay करने
होंगे जिससे आपको 12,500 रुपये तक का सालाना फायदा हो सकता
है, इसके साथ ही अगर आपकी वार्षिक आय 1 करोड़ या उससे ज्यादा
है तो आपको 14,500 की बचत हो सकती है ।
2) अगर आपकी आय
3.5 लाख वार्षिक है तो आपको साल मे 2,500 का Tax चुकाना
होगा जो पहले 5,000 रुपए थे ये सब Tax की
दरों मे की गई कमी के कारण होगी ।
3) अगर आपकी आय
50 हजार से 1 करोड़ तक है तो आपको Tax Levy के रूप मे 10% सरचार्ज देना होगा । 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वाले को
15% सरचार्ज देना होगा । सरचार्ज का मतलब मूलधन पे लगाए जाने वाले अतिरिक्त Tax
।
4) अगर आप इस साल
यानि 2017-18 मे Tax Return भरने मे देरी करते है तो आपको इसके एवज मे फ़ाइन भरना
होगा । अगर आप इस साल दिसंबर 2018 तक Return नहीं भरते है तो
आपको 5,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा ,31 दिसंबर के बाद Return भरने पर आपको 10,000 रूपये तक का जुर्माना देना होगा । छोटे Tax देनधारी
जिनकी आमदनी 5 लाख है उन्हे सिर्फ 1,000 रूपये का जुर्माना
भरना होगा ।
5) अगर आप कोई संपत्ति
खरीद कर उसे 2 साल के अंदर बेच देते है तो आपको उसपर होने वाले लाभ पर शॉर्ट टर्म कैपिटल
गेन टैक्स देनी होगी यह अवधि पहले 3 साल तक थी। अगर आप इस संपत्ति की बिक्री खरीदने
के तारीख से 2 साल के बाद करते है तो कोई टैक्स देय नहीं होगा ।
6) सरकार ने किराये
पर घर देने वालों के कर लाभ में कटौती कर दी है. मौजूदा कर कानून के मुताबिक
किराये पर दी गई संपत्ति के लिए करदाता रेंटल इनकम को समायोजित करने के बाद होम
लोन पर चुकाए जाने वाले संपूर्ण ब्याज पर टैक्स कटौती का लाभ ले सकता है. अब नए
नियम के मुताबिक खुद के रहने वाले मकान के लिए होम लोन पर ब्याज के भुगतान में 2 लाख रुपए
पर टैक्स कटौती का लाभ मिलेगा लेकिन रेंट पर दी गई प्रॉपर्टी के लिए करदाता रेंटल
इनकम एडजस्ट करने के बाद प्रतिवर्ष केवल 2 लाख रुपए पर
ही टैक्स लाभ हासिल कर सकेगा. दो लाख रुपए से अधिक की राशि को अगले आठ असेसमेंट
वर्षों तक आगे ले जाया जा सकेगा।
7) प्रतिमाह 50,000 रुपए
से अधिक के किराये का भुगतान करने वाले व्यक्ति को अब 5
प्रतिशत टीडीएस (स्रोत कर कर) काटना होगा. कर विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से
ऐसे व्यक्ति जिनकी रेंटल इनकम बहुत अधिक है, वो कर के
दायरे में आ जाएंगे. यह नियम एक जून 2017 से प्रभावी होगा
8) नेशनल पेंशन सिस्टम
(एनपीएस) से आंशिक निकासी/आहरण पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. प्रस्तावित बदलावों के
अनुसार, एनपीएस सब्सक्राइबर्स अपने अंशदान का 25 प्रतिशत हिस्सा रिटायरमेंट से पहले आपातकालीन स्थिति में निकाल
सकेंगे. यह याद रखें कि रिटायरमेंट पर कुल फंड का 40
प्रतिशत हिस्सा ही कर मुक्त होता है.
9) एक जुलाई से पैन
कार्ड बनवाने और इनकम टैक्स दाखिल करने के लिए आधार नंबर अनिवार्य होगा. सरकार ने
कालेधन की रोकथाम के लिए नकद लेनदेन की सीमा भी 3 से घटाकर अब 2 लाख रुपए कर दी गई है. यदि कोई व्यक्ति दो लाख रुपए से अधिक का
लेनदेन करते पाया जाता है तो उसे इस सीमा से अधिक राशि पर 100 प्रतिशत जुर्माना देना होगा.
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