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रोगप्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाएँ

Hello Friends कैसे है? आप उम्मीद है ठीक होंगे और सुरक्षित होंगे क्यूंकि खुद इतना ख्याल शायद ही कभी अपने कभी रखा होगा ,ये Corona Virus ने जितना हमे डराया है उतना ही हमे जीने के लिए अपने दैनिक जीवन मे कई सारे बदलाव करने की भी सबक दे गया है।

How to Improve Immunity Power

इसलिए इस दौरान हर व्यक्ति खुद को सुरक्षित और स्वस्थ रखने का पूरा प्रयास कर रहा है, लोग अपनी Immunity Power Increase करके खुद को COVID-19 के खतरों से दूर कर रहे है क्यूंकि Coronavirus या ऐसे कई सारे दूसरे फ्लू वाइरस से बचाव का एक ही तरीका है वो है खुद की Immunity power को Strong करना यानि Body की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना ताकि हम हर बीमारी से खुद को बचा सके।

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सुबह उठकर पानी पीने के नुकसान और फायदे

दोस्तों वर्तमान मे जीवन काफी संकुचित हो चुकी है हम अपने जीवन मे इतने व्यस्त हो चुके है की दैनिक जीवन मे क्या करना है और क्या नहीं करना है उसका हमे ज्ञान हो कर भी हम उसे निभा नहीं पाते , हमारे दैनिक जीवन मे ऐसे कई सारी चीजें है जो जिसे हम प्रतिदिन अगर पालन करें तो कैसे सारी समस्या का समाधान हो जाएगा । 

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रोटी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है जानिए हिन्दी मे Is chapati good for health so Don’t use leftover dough to make chapati

Hello Friends अगर आप स्वस्थ है या स्वस्थ रहने के पीछे आपके खान पान का उतना ही योगदान रहता है जितना किसी बच्चे के परवरिश पर उसके माँ बाप का, इसलिए अक्सर किसी मोटे ताजे स्वस्थ व्यक्ति को देख कर आप कहते होंगे की ये तो किसी खाते पीते घर से लगता है और जब आप किसी दुबले और बीमार सा दिखने वाले व्यक्ति को देखते होंगे तो आपके मन मे यही ख्याल आता होगा लगता है इसे खाना नहीं मिलता ।


तो मतलब साफ है ,एक अच्छा भोजन न सिर्फआपको स्वस्थ रखता है बल्कि आपके व्यक्तित्व पर भी अच्छा प्रभाव बनाए रखता है ।
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चमकी बुखार क्या है इसके क्या लक्षण है और इससे कैसे बचे What is Encephalitis,cause,symptoms and treatment

Encephalitis



Encephalitis यानि चमकी बुखार 


बीते कुछ दिनों मे भारत के बिहार राज्य मे चमकी बुखार (Encephalitis) का कहर है बिहार के मुजफ्फरपुर और इसके आस पास के इलाको मे चमकी बुखार का प्रकोप है जिसमे तकरीबन 150 से भी ज्यादा बच्चे की मौत हो चुकी है जिनकी उम्र तकरीबन 15 वर्ष तक बताए गए है । ये प्रकोप दिनों दिन फैलती जा रही है यहाँ के अस्पताल पीड़ित बच्चो से भरा पड़ा है । इसके पीछे मुजफ्फरपुर का विश्वप्रसिद्ध लीची को वजह माना जा रहा है। 


आइये जानते है क्या है,चमकी बुखार और कैसे अपने बच्चों को इस गंभीर बीमारी से बचाएं  

चमकी बुखार को दिमागी और जापानी बुखार के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चमकी बुखार को डॉक्टरी भाषा में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या Encephalitis कहा जाता है। अब तक उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और उसके आस-पास जिलों से दिमागी बुखार से बच्चों की मौत होने के मामले सामने आते थे लेकिन पहली बार बिहार के मुजफ्फरपुर एवं अन्य जिलों में चमकी बुखार ने अपना रौद्र रूप दिखाया है।

यह बीमारी आम तौर गर्मी एवं उमस के दौरान 0 से 15 साल के बच्चों को अपनी चपेट में लेती है। खास बात यह है कि यह बीमारी ज्यादातर उन बच्चों को अपनी चपेट में लती है जो कुपोषित होते हैं। कई मामलों में इस चमकी बुखार का कारण लीची खाना भी बताया गया है। चिंता की बात यह है की इतने गंभीर रूप से फैलने के बाद भी चिकिसक इस बीमारी को रोकने मे असमर्थ दिख रहें है और नतीजा ये हो रहा है की इलाज के अभाव मे बच्चे मौत के मुह मे समा रहे है । 

Doctors के अनुसार हर्प्स वायरस, इंट्रोवायरस, वेस्ट नाइल, जापानी इंसेफलाइटिस, इस्टर्न इक्विन वायरस, टिक-बोर्न ,इंसेफलाइटिस बैक्टीरिया, फुंगी, परजीवी, रसायन, टॉक्सिन ये कुछ ऐसे Virus है जिसके वजह से चमकी बुखार बच्चे के मस्तिष्क के कोशिकाओं एवं तंत्रिकाओं में सूजन आ जाती है जिसे दिमागी बुखार होने लगता है जिसमे बच्चे के पूरे शरीर मे अकड़न सी होने लगती है भारत में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम(AES) यानि चमकी बुखार का मुख्य वजह जापानी वायरस को माना जाता है।


लीची खाने से क्यूँ होती है चमकी बुखार

लीची को इसकी खास वजह इसलिए बताई जा रही है की जो बच्चे कुपोषण का शिकार है वो अक्सर भूखे पेट कुछ पक्के और अधपके लीची का सेवन कर रहे है और खास बात ये है की जिस इलाके (मुजफ्फरपुर) मे चमकी बुखार का सबसे अधिक कहर है वह पूरी दुनिया मे लीची के लिए प्रसिद्ध है । 

दरअसल लीची में प्राकृतिक रूप से हाइपोग्लाइसिन ए एवं मिथाइल साइक्लोप्रोपाइल ग्लाइसिन टॉक्सिन पाया जाता है। अधपकी लीची में ये टॉक्सिन अपेक्षाकृत काफी अधिक मात्रा में मौजूद रहते हैं। ये टॉक्सिन शरीर में बीटा ऑक्सीडेशन को रोक देते हैं और हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त में ग्लूकोज का कम हो जाना) हो जाता है एवं रक्त में फैटी एसिड्स की मात्रा भी बढ़ जाती है। चूंकि बच्चों के लिवर में ग्लूकोज स्टोरेज कम होता है, जिसकी वजह से पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज रक्त के द्वारा मस्तिष्क में नहीं पहुंच पाता और मस्तिष्क गंभीर रूप से प्रभावित हो जाता है। इस तरह की बीमारी का पता सबसे पहले वेस्टइंडीज में लीची की तरह ही 'एकी' फल का सेवन करने से पता चला था। इसलिए ध्यान रखे बच्चों को खाली पेट लीची ना खिलाएँ 


चमकी बुखार (एईएस) के लक्षण 

What is the symptoms of spinal fever


  1. मिर्गी जैसे झटके आना (जिसकी वजह से ही इसका नाम चमकी बुखार पड़ा)
  2. बेहोशी आना
  3. सिर में लगातार हल्का या तेज दर्द
  4. अचानक बुखार आना
  5. पूरे शरीर में दर्द होना
  6. जी मिचलाना और उल्टी होना
  7. बहुत ज्यादा थका हुआ महसूस होना और नींद आना
  8. दिमाग का ठीक से काम न करना और उल्टी-सीधी बातें करना
  9. पीठ में तेज दर्द और कमजोरी
  10. चलने में परेशानी होना या लकवा जैसे लक्षणों का प्रकट होना।

अगर बच्चे को बुखार आ जाए तो क्या करें

  1. बच्चे को तेज बुखार आने पर उसके शरीर को गीले कपड़े से पोछते रहें.ऐसा करने से बुखार सिर पर नहीं चढ़ेगा.
  2. Paracetamol की गोली या Syrup डॉक्टर की सलाह पर ही रोगी को दें.
  3. बच्चे को साफ बर्तन में एक लीटर पानी डालकर ORS का घोल बनाकर दें. याद रखें इस घोल का इस्तेमाल 24 घंटे बाद न करें. 
  4. बुखार(Fever) आने पर रोगी बच्चे को दाएं या बाएं तरफ लिटाकर अस्पताल ले जाएं.
  5. बच्चे को बेहोशी की हालत में छायादार स्तान पर लिटाकर रखें.
  6. बच्चों को रात में अच्छी तरह से खाना खिलाकर सुलाएं। खाना पौष्टिक होना चाहिए।
  7. बुखार आने पर बच्चे के शरीर से कपड़े उतारकर उसे हल्के कपड़े पहनाएं. उसकी गर्दन सीधी रखें


क्या न करें 


  1. बच्चे को खाली पेट लीची न खिलाएं.
  2. अधपकी या कच्ची लीची का सेवन करने से बचें.
  3. बच्चे को कंबल या गर्म कपड़े न पहनाएं.
  4. बेहोशी की हालत में बच्चे के मुंह में कुछ न डालें.
  5. मरीज के बिस्तर पर न बैठें और न ही उसे बेवजह तंग करें.
  6. मरीज के पास बैठकर शोर न मचाएं.

सावधानी 

गर्मी के मौसम में फल और खाना जल्दी खराब हो जाता है आप इस बात का खास ख्याल रखें कि बच्चे किसी भी हाल में जूठे और सड़े हुए फल नहीं खाए। बच्चों को गंदगी से बिल्कुल दूर रखें। खाने से पहले और खाने के बाद हाथ जरूर धुलवाएं,साफ पानी पिएं, बच्चों के नाखून नहीं बढ़ने दें। बच्चों को गर्मियों के मौसम में धूप में खेलने से भी मना करें। रात में कुछ खाने के बाद ही बच्चे को सोने के लिए भेजें। डॉक्टरों की मानें तो इस बुखार की मुख्य वजह सिर्फ लीची ही नहीं बल्कि गर्मी और उमस भी है। 


Encephalitis


150 बच्चो की मौत का कारण बनी ये बुखार हर वर्ष गर्मी के मौषम मे पूरे देश मे फैलती है हर वर्ष भारत के तकरीबन 18 से भी ज्यादा राज्य बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल मे इस चमकी बुखार यानि Encephalitis से हर वर्ष 20000 बच्चे इस बीमारी के चपेट मे आते है 

सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के 24 देश इस Encephalitis बीमारी से ग्रस्त है इसमे दक्षिण-पश्चिम एशिया और पश्चिमी प्रशांत के देश शामिल है WHO (World Health Organisation) के अनुसार इन देशों मे 300 करोड़ लोगो पे इस Virus का खतरा है भारत मे 2011 से अब तक तकरीबन 92000 मामले सामने आए है जिसमे 12000 की मौत हो चुकी है । 

इन सब के बावजूद Doctors अब तक ये पता नहीं लगा पाये की ये Virus आती कहाँ से है और कैसे फैलती है ।
स्वक्छ्ता ही इसका बचाव है इसलिए स्वक्छरहे और स्वक्छ खाना खाएं और अपने बच्चों को भी स्वक्छ रहने की सलाह दें । 

ये आर्टिक्ल कैसे लगा हमे बताएं और ऐसे ही जरूरी और knowledgeable Articles पढ़ने के लिए Visit करें 
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Lassa Fever क्या है ? लस्सा बुखार क्या होता है जानिए के बारे मे पूरी जानकारी हिन्दी मे


 Hello Friends हमारे देश मे या फिर यूं कहे पूरी दुनिया Corona के भयंकर प्रकोप से अभी उभरी भी नहीं है की आए दिन कई सारे बीमारी वायरस पनपती रहती है बीते दिन एक नया वाइरस दुनिया के सामने आया है जिसे कोरोना का ही नया वेरिएंट बताया जा रहा है लेकिन ये कोरोना से बिलकुल अलग है वो अपनी जगह बनाती जा रही है ऐसे मे आपको सतर्क और सुरक्षित रहना होगा । इस वाइरस का नाम है लासा वायरस (Lassa Virus)

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थेलेसीमिया क्या है कैसे होता है कैसे करे इसका बचाव : World Thalassemia Day celebrated on May 8 every year


Hello Friends पुरानी कहावत है "स्वास्थ्य ही धन है" Health is Wealth ,एक स्वस्थ व्यक्ति किसी अमीर व्यक्ति से ज्यादा धनी माना जाता है ,इसलिए  आज हम चर्चा करेंगे आपके Health की ,आज आप जनाएंगे दुनिया की एक गंभीर लाइलाज बीमारी Thalassemia (थेलेसीमिया ) के बारे मे ।

हर साल 8 May को पूरी दुनिया मे International Thalassaemia Day के रूप मे मनाई जाती है जो सभी करोड़ो Thalassemia (थेलेसीमिया ) पीड़ित को समर्पित होता है ।

World Health Organisation (WHO) के अनुसार Thalassemia (थेलेसीमिया) दुनिया के गंभीर लाइलाज आनुवांशिक बीमारी (genetic disorders) मे से एक है । 

आइये जानते है क्या है Thalassemia (थेलेसीमिया) और कैसे बचे इस गंभीर बीमारी से ।



What is Thalassemia (थेलेसीमिया) ?



Thalassemia (थेलेसीमिया) एक गंभीर आनुवांशिक बीमारी (genetic disorders)  है जो किसी को विरासत मे अपने माता पिता से मिलती है,इसका अर्थ ये हुआ की अगर कोई माँ बाप के शरीर मे Thalassemia (थेलेसीमिया) जैसी कोई Blood Diseases है तो उनके होने वाले  बच्चे  मे इस रोग के होने का खतरा बढ़ जाता है ।

इस रोग के होने पर शरीर की Hemoglobin (हीमोग्लोबिन) निर्माण प्रक्रिया में गड़बड़ी हो जाती है जिसके कारण रक्तक्षीणता (Anemia)के लक्षण प्रकट होते हैं। इसकी पहचान बच्चे के तीन माह की आयु के बाद ही होती है। इसमें रोगी बच्चे के शरीर में रक्त की भारी कमी होने लगती है जिसके कारण उसे बार-बार बाहरी खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है।


Hemoglobin (हीमोग्लोबिन) की मात्रा कम हो जाने से शरीर दुर्बल हो जाता है तथा अशक्त होकर हमेशा किसी न किसी बीमारी से ग्रसित रहने लगता है। जिसे 
Thalassemia (थेलेसीमिया) कहा जाता है । 



Thalassemia (थेलेसीमिया) का इलाज और होने के कारण 


ये एक लाइलाज बीमारी है जिसका अब तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं । Hemoglobin (हीमोग्लोबीन) दो तरह के Protein से बनता है Alpha Globin and Bita Globin,Thalassemia (थेलेसीमिया) से पीड़ित व्यक्ति के शरीर मे इन प्रोटीन में ग्लोबिन निर्माण नहीं होता,जिसके  कारण Red blood cells तेजी से नष्ट होने लगती है , रक्त की भारी कमी होने के कारण रोगी के शरीर Hemoglobin (हीमोग्लोबिन) की कमी हो जाती है जिस कारण बार-बार रक्त चढ़ाना पड़ता है एवं बार-बार रक्त चढ़ाने के कारण रोगी के शरीर में अतिरिक्त Iron जमा होने लगती है, जो Heart,Kidney और Lungs में पहुँचकर मौत का कारण बन जाता है ।

यह बीमारी उन बच्चों में होने की संभावना अधिक होती है, जिनके माता-पिता दोनों के Genes (जींस) में Thalassemia (थैलीसीमिया) होता है। अगर समय रहते Pregnancy (ग्रभावस्था) का दौरान समय समय पे जांच की जाय तो होने वाले बच्चे को इस गंभीर बीमारी से बचाया जा सकता है । 

Medicine Thalassemia पर पूरे विश्व मे अनुसंधान प्रयास जारी है और इसी अनुसंधान ने इस बीमारी को कंट्रोल करने की दावा बनाई है  भारत मे यह Asunra  के नाम से जाना जाता है वेदेशों मे Exjade के नाम से प्रसिद्ध है ये दवाई शरीर मे Iron की मात्रा को Control करने मे सहायक है जिससे Thalassemia के Patient को Extra Iron से होने वाले खतरो से बचाया जा सकता है । 
ये बिलकुल नई दवा है इससे पहले दो तरीको से शरीर से Iron की मात्रा कम करके इसका इलाज होता था । 


पहला Deferasirox injection के जरिए आठ से दस घण्टे तक लौह निकाला जाता है। यह प्रक्रिया बहुत महंगी और कष्टदायक होती है। इसमें प्रयोग होने वाले एक इंजेक्शन की कीमत 135 रुपए होती है। इस प्रक्रिया में हर साल पचास हजार से डेढ़ लाख रुपए तक खर्च आता है। 

दूसरी प्रक्रिया में kelfer नामक दवा (Capsule) दी जाती है। यह दवा सस्ती तो है लेकिन इसका इस्तेमाल करने वाले 30% रोगियों को जोड़ों में दर्द की समस्या हो जाती है। साथ ही इनमें से 1% बच्चे गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।ऐसे में नई दवा Asunra काफ़ी लाभदायक होगी। यह दवा फलों के रस के साथ मिलाकर पिलाई जाती है और इसकी कीमत 100 रुपये प्रति डोज है।


Thalassemia (थेलेसीमिया) के प्रकार 

Type of Thalassemia 


मुख्यतः यह रोग दो वर्गों में बांटा गया है। Minor और Major 

जब ये रोग किसी बच्चे मे माता पिता मे किस एक से प्राप्त होता है तो इसे Minor Thalassemia कहा जाता है अगर माता पिता दोनों Thalassemia से पीड़ित है तो उसे Major Thalassemia कहते है । 


Thalassemia (थेलेसीमिया) के लक्षण । 


अगर कोई व्यक्ति या बच्चे का सूखता चेहरा, लगातार बीमार रहना, वजन ना ब़ढ़ना और इसी तरह के कई लक्षण दिखाई दे तो वह बच्चों या व्यक्ति में थेलेसीमिया रोग होने पर होने के लक्षण है।


Thalassemia से बचाव 

किसी Thalassemia पीड़ित बच्चे की उम्र 12 से 15 साल होती है इस बीमारी का इलाज करने पर लगभग 25 वर्ष तक जीने की उम्मीद रहती है उम्र के बढ़ते ही Blood की जरूरत ज्यादा लगने लगती है ।  

इससे बचने के लिए स्त्री पुरुष विवाह से पहले Blood Test करा लें तभी आने वाली पीढ़ी को इस गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। नजदीकी रिस्तेदारों मे विवाह करने से बचें और जिस प्रकार विवाह से पहले स्त्री पुरुष अपने जन्म कुंडली का मिलान करते है उसी प्रकार स्वास्थ्य कुंडली का भी मिलान करना चाहिए ताकि वो खुद को और आने वाले पीढ़ी को इस गंभीर बीमारी से बचा सके । 


World Health Organisation (WHO) के अनुसार भारत मे प्रत्येक वर्ष 5 से 7 हजार Thalassemia पीड़ित बच्चे का जन्म होता है । केवल Delhi और उसके आसपास के क्षेत्र में ही यह संख्या करीब 1500  है। भारत की कुल Population का 3.5 % Thalassemia (थैलेसीमिया) से पीड़ित है।England में केवल 350 बच्चे इस रोग के शिकार हैं, जबकि पाकिस्तान में 1लाख  और भारत में करीब 10 लाख बच्चे इस रोग से ग्रसित हैं।

आइये इस International Thalassaemia Day के दिन ये संकल्प ले की आने वाले पीढ़ी को इस गंभीर बीमारी से बचाएंगे क्यूंकी  ये एक जानलेवा बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं सिर्फ बचाव ही इसका इलाज है इसलिए समय समय पर खून की जांच करवाले और अपने आने वाले पीढ़ी को इस गंभीर बीमारी से बचाए । 

click Here and Get WHO Reports


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Health Tips Apps जो रखे आपके सेहत का ख्याल


Hello Friends कई बार हम Health को लेकर लापरवाही बरत देते है जिस कारण हमे गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ता है आइये जानते है ऐसे Health Tips जिसे अपना कर आप अपने Daily Life मे Busy रहते हुये भी अपने सेहत का ख्याल रख पाएंगे और इस प्रक्रिया मे आपका Smartphone आपका मदद करेगा। कैसे ?


यहाँ हम कुछ Health से जुड़े Android Apps के बारे मे चर्चा करेंगे जो आपको आपके Health का ख्याल रखेगा । Health से जुड़े बहुत सारे Apps Google play store और Apply Store मे उपलब्ध है जो आपके लिए उपयोगी होगा -


Water Drinking reminder


 हम सब जानते है की Water किसी को स्वस्थ रखने मे कितना उपयोगी है ऐसे मे हमे चाहिए की हम हर रोज जरूरत भर पानी पी सके लेकिन दैनिक जीवन के कामो मे इतने वस्त रहते है की पानी पीने का भी याद नहीं रहता । और गर्मी के दिनो मे अगर आपके शरीर मे Water की कमी हो गई तो आप Dehydration (डिहाइड्रेसन) का शिकार हो जाएंगे । इससे बचने के लिए आप इस Apps की मदद ले सकते है  जो समय समय पर आपको Water पीने का Reminder देता रहेगा इससे आपका शरीर Hydrate रहेगा और आप स्वस्थ रहेंगे ।

Click and Download This App

कैसे करे इस App का उपयोग

इसे Install करने के बाद जब आप Open करेंगे तो यहाँ पर आपको Age,Weight ,Height , आदि की जानकारी देनी पड़ेगी । आपके वजन के अनुसार ये App आपको बताएगा की हर रोज कितना पानी आपको पीना है  इस तरह आपको पानी पीने की आदत पर जाएगी ।


Stop Breathe and Think



बदलती Life Style मे Dispersion की समस्या आम हो गई है ये app आपको Dispersion से निकलने मे मदद करेगा इसमे Breath यानि सांस लेने के उपाय बताए गए है । साथ ही Feelings और Emotions मे अनुसार Meditation गाइड भी मिलेगे। आपको प्रत्येक दिन सुबह इसमे बताए गए निर्देश का पालन करना होगा जिससे आपको Tension free रहने मे Help मिलेगा इसमे self timer की सुविधा भी दी गई है जिसे आप Meditation के पहले और बाद मे अपने Emotions की जांच कर सकते है। इसे Health Healing , self Motivation , stress , Dispersion आदि को ध्यान मे रख कर बनाया गया है । आप इसे Android और iOs Device के लिए Download कर सकते है ।


QuitNow! Quick smoking 


Smoking स्वस्थ के लिए हानिकारक होती है लेकिन इसकी लत छोड़ना उतना ही मुश्किल है लेकिन अगर आप Smoker है और Smoking छोड़ना चाहते है आपका Smartphone आपका मदद करेगा बस Install करें QuitNow! Quick smoking App

ये Community based application है जिसमे तकरीबन 20 लाख से भी ज्यादा लोग जुड़े है  और इनमे से कई लोग Smoking छोड़ने मे सफलता हासिल की है यह App Chat के जड़िये आपको Smoking छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है यह बताता है की अंतिम बार अपने कब सिगरेट पिया था इतना ही नहीं यह आपको ये भी बताएगा की सिगरेट छोड़ देने पर आपको वक़्त और पैसा कितना बचेगा यह WHO के आधार पर Health Improvement Process को बताता है यहा अपना Profile बनाए और Smoke छोड़ने वाले लोगो के साथ बातचीत कर आप हमेसा के लिए Smoking छोड़ सकते है ।


8fit Workout & Meal Planner



जो लोग अपने Fitness को लेकर Serious रहते है और खुद फिट रखने के लिए जागरूक रहते है उनके लिए ये App उपयोगी है इस App की मदद से वो न सिर्फ Meal प्लान कर सकते है बल्कि इसके द्वारा Personal Fitness trainer की भी सुविधा ले सकते है । ये app आपके वजन कम करने और Fitness को बनाए रखने मे खासा मदद करेगा इस App की सबसे बड़ी खशियत ये है की ये सिर्फ आपको डाइट या Exercise  ही नहीं बल्कि life Style Change करने के लिए Motivate भी करता है ।

यहा आप बिना किसी Equipment की मदद से ये जान सकते है की कैसे Body Weight के जरिये Muscles Strength को बेहतर किया जा सकता है ,यहाँ पर Heat Workout (High intercity interval training) के बारे मे बताया गया है जो Traditional Cardio Workout के मुक़ाबले ज्यादा असरदार होता है । इस मे आपको 15-20 मिनट हर रोज देने होंगे 350 से भी ज्यादा तरह के Exercise मिलेंगे इसमे Daily Motivation tips,Fitness trainer Tips and Activity Tracking जैसे Features के अलावा Healthy Dieting Tools भी मिलेंगे जिसमे 400 भी ज्यादा Healthy Food Recipes की जानकारी दी गई है इसमे Calories को Count करने की भी सुविधा दी गई है लेकिन उसके लिए आपको अलग से Android Device लेनी होगी । 


Mysugar- Diabetes App & Blood Sugar Tracker 

जो लोग Diabetes से ग्रसित है उनके लिए ये App उपयोगी है यह Personal Diabetes Logbook है यहाँ पर आप Diabetes Type - 1 और Type - 2 से जुड़े Data को जोड़ सकते है जिससे Diabetes से जुड़े डाटा को Analysed कर पाएंगे । यहाँ आप Blood Glucose ,insulin, Diet ,Meals आदि डाटा का रेकॉर्ड रख सकते है इसमे भी आप Motivations challenge Accept करके Diabetes Level को Control कर सकते है आप बनाए गया Monthly Report को Doctor को भी भेज सकते है । बच्चो के लिए Junior Mysugar App भी उपलब्ध है । 


Care Zone 


अगर आप अक्सर दवाई लेना भूल जाते है तो ये App आपको दवाई लेने मे मदद करेगा ये आपको दवाई टाइम पे लेने का Reminder करता रहेगा ,यह Blood Glucose , Weight, Sleep आदि को भी  Track करता है 





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World Environment day Stop Air Pollution

Hello Friends क्या आप जानते है दुनिया भर मे 92 % लोग स्वक्छ हवा मे सांस नहीं लेते है यानि हमारे चारो तरफ की हवा स्वक्छ  नहीं है इसी थीम पे हम सब एक अच्छे और स्वक्छ Environment (वातावरण) मे रहना पसंद करते है लेकिन वर्तमान मे एक स्वक्छ माहौल का मिलना बड़ी मुश्किल है हर तरफ प्रदूषित हवा गंदगी जो अच्छे Environment को भी खराब कर रही है।

World Environment Day Special 

इस खराब माहौल के जिम्मेदार हम खुद है जाने अनजाने मे हम वो कर गुजर जाते है जिसका सीधा असर हमारे Environment पे पड़ता है और हम गंभीर बीमारी का शिकार हो जाते है ।

Air Pollution, Water Pollution, Noise Pollution ये सब  खराब Environment होने के लक्षण है इन सब को कंट्रोल करना भी हमारे जिम्मे है । इसी बात को ध्यान मे रखते हुये प्रत्येक वर्ष 5 June को World Environment Day मनाया जाता है ।

तो आइये इस World Environment Day मे ये संकल्प करे और अपने Environment को स्वक्छ करने की पहल करें।


सबसे पहल आइये जानते है क्यूँ मानते है World Environment Day और कब हुई इसकी शुरुआत ?Why we are celebrate World Environment Day ?


United Nation (UN) के प्रतिनिधित्व मे प्रत्येक वर्ष 5 June को World Environment Day(WED) मनाया जाता है इसकी शुरुआत मे 1972 मे सयुंक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) के द्वारा की गई । इसके दो साल बाद 1974 मे पहले सम्मेलन मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन (Stockholm Conference on the Human Environment) मे मानव संबंधो और पर्यावरण के सुरक्षा की चर्चा हुई और इसके साथ ही Only One Earth थीम के साथ दुनिया का पहला World Environment Day (WED) मनाया गया उसके बाद इसे प्रत्येक वर्ष एक खास थीम के साथ मनाने की घोषणा की गई ।

प्रत्येक वर्ष 143 देश इस कार्यक्रम मे शामिल होती है और ये कार्यक्रम अलग अलग देशों मे मनाया जाता है जहां बीते साल 2018 मे भारत इसकी मेजबानी Plastic Pollution के थीम से कर रहा था वही इस बार 2019 मे चीन इसकी मेजबानी कर रहा है जिसका थीम है Air Pollution


World Environment day Thames 2019

इस बार WED का थीम Air Pollution रखा गया है और जिसकी मेजबानी चीन (China)कर रहा है। 1974 से लेकर अब तक आयोजित कार्यक्रम और इसके थीम की जानकारी कुछ इस प्रकार है -



इन सभी आयोजन का मकसद धरती के Environment को जीवन जीने के लिए बरकरार रखना है क्यूंकि हर पल हमारे चारों तरफ की हवा दूषित होती जा रही है जो हमारे लिए खतरनाक है।


Air Pollution को WED का थीम क्यूँ रखा गया ?

WHO के अनुसार हर वर्ष पूरे धरती पर तकरीबन 70 लाख लोग Air Pollution का शिकार होते है , अकेले सिर्फ एशिया-प्रशांत मे 40 लाख लोग प्रत्येक वर्ष Air Pollution के चपेट मे आकार गंभीर बीमारी का शिकार हो जाते है । इसलिए इसी आंकड़ो को देखते हुये इस बार United Nations Environment Programme मे Air Pollution को world Environment Day 2019 का थीम रखा गया है ,जिसकी मेजबानी (Hosting) China कर रही है ।

वर्तमान मे चाइना दुनिया मे Climate Change को लेकर सबसे ज्यादा अग्रसर है इसलिए  World’s Electric vehicles मे सबसे ज्यादा चाइना की भागीदारी है पूरी दुनिया मे 99 % Electric Bus चाइना बनाती है । ये Electric Bus,Air Pollution को कंट्रोल करने मे काफी मददगार है ।



World Environment Day in India

भारत मे इस बार Ministry of Environment ने World Environment Day के मौके पर Hawa Aane de नाम से Song Release किया है जो 2019 मे लागू World Environment Day के Global थीम Air Pollution पे आधारित है । 


इस गाने को Shankar Mahadevan, Sunidhi Chauhan, Shaan and Shantanu Mukherjee  ने गाया है और इसके विडियो मे आप अक्षय कुमार को भी देख सकते है जो अक्सर नागरिक सुरक्षा को लेकर अग्रसर रहते है । 

इस गाने का जरिये ये संदेश दी जा रही है की हमारे चारों तरफ हो रही दूषित हवा को रोका जाए ताकि हम खुली हवा मे सांस ले सके । 




तो संकल्प लीजिये इस World Environment Day पर,हवा को दूषित होने से बचाएंगे ताकि हम सब एक स्वक्छ हवा मे सांस ले सके याद रखे दुनिया मे 92 % लोग दूषित हवा मे सांस लेते है ये कहीं 100 न पहुँच जाये इसलिए 

हवा आने दे 

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World Milk Day Drink Milk and increase your immune system



अपने जीवन मे हर इंसान स्वस्थ और तंदरुस्त रहना चाहता है उसके लिए वह अपने प्रतिदिन लिए गए आहार मे ऐसे पोषक तत्व युक्त भोजन खाता है जो उसे स्वस्थ रहने और रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करें क्यूंकि अच्छा और स्वक्छ भोजन ही इंसान को एक स्वस्थ रख सकता है। ऐसे मे हमे ऐसा भोजन करना चाहिए जो स्वक्छ तो हो ही साथ ही विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर हो जिससे शरीर मे रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो ।
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What is Nipah Virus? Read and Get the Full Details in Hindi


Hello Friends आज हम एक चर्चा करेंगे आपके स्वास्थ्य के बारे मे बीते कई दिनों से हमारे देश मे एक अजीब Virus की चर्चा हो रही है और ये भी बताया जा रहा है की ये Virus जानलेवा और संक्रामक है जिसका इलाज संभव नहीं है । 

हम चर्चा कर रहे है Nipah Virus (निपाह वायरस) की आइये जानते है इसके बारे मे –



What is Nipah Virus? निपाह वायरस क्या है ?


निपाह वायरस एक ऐसा वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। यह जानवरों और इंसानों दोनों में गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है। इस वायरस का मुख्यय स्रोत चमगादड़ है जो फल खाते हैं। ऐसे चमगादड़ों को फ्लाइंग फोक्स के नाम से भी जाना जाता है। इस वायरस को NIV भी कहाँ जाता है । 

दक्षिण भारत के राज्य केरल के कोझिकोड़ जिले में निपाह वायरस (NIV) से लोगों के बीच डर का माहौल बना हुआ है । 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (W H O) ने चेतावनी दी है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया में निपाह वायरस ( Nipah Virus) के फैलने का सबसे अधिक खतरा है। केरल में मामले सामने आने के बाद देश में खतरे की घंटी बज चुकी है। यह बीमारी लाइलाज है। संक्रमण के बाद बीमारी को बढ़ने से नहीं रोका गया तो 24 से 48 घंटे में मरीज कोमा में जा सकता है और उसकी मौत हो सकती है। 


कैसे फैलता है संक्रमण ?


यह  संक्रमण चमगादड़ और सुअर से फैलता है। फल और सब्जी खाने वाले चमगादड़ और सुअर के जरिये निपाह वायरस तेजी से फैलता है। इसका संक्रमण जानवरों और इंसानों में एक दूसरे के बीच तेजी से फैलता है।





क्या है इसके लक्षण ?



  • धुंधला दिखना
  • चक्कर आना
  • सिर में लगातार दर्द रहना
  • सांस में तकलीफ
  • तेज बुखार

मलेशिया में इसके कारण करीब 50 फीसदी मरीजों की मौत तक हो गई थी।


कैसे करें बचाव ?



  • पेड़ से गिरे हुए फल न खाएं।
  • जानवरों के खाए जाने के निशान हों तो ऐसी सब्जियां न खरीदें।
  • जहां चमगादड़ अधिक रहते हों वहां खजूर खाने से परहेज करें।
  • संक्रमित रोगी, जानवरों के पास न जाएं।
  • मनुष्यों में, निपाह वायरस ठीक करने का एक मात्र तरीका है सही देखभाल।

क्या यह पहली बार निपाह वायरस का मामला सामने आया हैं ?

नहीं इसके पहले भी निपाह वायरस के प्रकोप कई मामले सामने आ चुके हैं। भारत, बांग्लादेश, थाईलैंड, कंबोडिया, फिलीपिन्स, मलेशिया से ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। 1998 में मलेशिया के कांपुंग सुंगई निपाह गांव के लोग पहली बार इस संक्रमण से पीड़ित हुए थे। इसलिए इसका नाम निपाह वायरस पड़ा। संक्रमित होने वाले ग्रामीण सुअर पालते थे। उसके बाद 2004 में बांग्लादेश में आया था।


NIV का इसका इलाज


रिबावायरिन (Ribayarin) नामक दवाई इस वायरस के खिलाफ प्रभावी साबित हुई है। लेकिन डॉक्टर का कहना है की इस बीमारी के लिए कोई टीका या दवा बाजार में उपलब्ध नहीं। 


दोस्तो उम्मीद है आप सही जानकारी से अवगत हो गए है इसलिए खुद को और अपने परिवारों सुरक्षित रखे। इस जानलेवा Virus से खुद को दूर रखे सतर्क रहे । 



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