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अब्राहम लिंकन की प्रेरणादायक कहानियां : Most Amazing Facts and Quotes about Abraham Lincoln



Hello Friends आज हम बात करेंगे अमेरिका के 16वे ऐसे राष्ट्रपति Abraham Lincoln (अब्राहम लिंकन) की जिन्होने न सिर्फ अमेरिका मे बल्कि पूरे विश्व मे अपने छवि छोड़ दी । 

दुनिया मे ऐसे कई सारे प्रसिद्ध और बेहद उम्दा राजनीतिज्ञ ने अपने अनुभव और बारीक सोच से पूरी दुनिया को अपना दीवाना बनाया है ऐसे ही बेहद सरल और बेहतरीन व्यक्तित्व के धनी थे अब्राहम लिंकन । 

ये Article हमे भेजा है Mr. Rohit Kumar जो की एक बेहद उम्दा Blogger है तो आइये पढ़ते है Rohit के द्वारा लिखी दुनिया के सुप्रसिद्ध राष्ट्रपति Abraham Lincoln के बड़े मे कुछ रोचक बातें । इनके और भी प्रेरणादायक कहानी पढ़ने के लिए Visit करें - https://gurukul99.com/

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byju's की प्रसिद्ध होने की कहानी Success Story of Byju's the Learning App

भारत मे ऐसे कई सारे लोग है जिन्होने कम समय और कम साधनो का इस्त्माल करके सफलता हासिल की है चाहे वो reliance Group के Founder धीरु भाई अंबानी हो या Tata Group के मालिक रत टाटा ऐसे और कई छोटे बड़े हस्तीयों के नाम हम प्रतिदिन सुनते और देखते आते है और इनसे inspire होकर खुद को इनके जैसे सफल Businessman बनने का ख्वाब देखते है।

आज ऐसे ही सफल Businessman के बात करेंगे जो दुनिया के सबसे बड़ी Cricket control Board BCCI के साथ हाथ मिलकर मुख्य Sponsor बनने वाली है।

हम बात कर रहें है भारत की Online Learning App Byju's (बायजू) की । इसका विज्ञापन आप अक्सर TV या Internet पे देखते है जिसे Bollywood के Superstar शाहरुख खान करते है और ये Byju's के Brand Ambassador भी है ।


byju's success story in Hindi


Byju's The online Learning App (बायजू)


क्या है Byju's (बायजू) और कैसे हुई इसकी शुरुआत 

इसकी शुरुआत भारत के Bengluru मे रहने वाले  Byju Raveendran ने की जो कालीकल यूनिवर्सिटी से मकैनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर एक शिपिंग कंपनी में नौकरी करते थे इस दौरान इन्होने अपने कुछ दोस्तो को Business management के लिए आईआईएम मे दाखिला दिलाने के लिए CAT (Common Aptitude Test) की तैयारी करनी शुरु की बेहतर रिजल्ट्स आने पर रविन्द्रण ने छोटे छोटे बच्चों को बेसिक शिक्षा देने की सोची और गणित और विज्ञान जैसे कठिन विषय की तैयारी करवाने लगे ताकि बच्चो के स्कूल के सफल होने के चांस ज्यादा हों । 

इस दौरान रविन्द्रण ने ये भी अनुभव किया की अगर किसी ग्रेजुएट को शुरुवाती वर्षों से ही बेहतर तरीके से सिखाया जाय तो वे भी CAT,MAT की प्रवेश परीक्षा आसानी से निकाल सकते है । 


इसी सोच को बढाते हुये रविन्द्रण ने 2 लाख रुपए से अपनी कोचिंग क्लास की शुरुआत की और 2011 मे  Think and Learn Private Ltd के नाम से कंपनी बनाई और इसका Brand Name रखा Byju's (बायजू)। इसके बाद रविन्द्रण अलग अलग शहर मे जाकर कोचिंग क्लास लेने लगे । बाद में उन्होंने सोचा कि क्यों न एक ही जगह रहकर अपने सभी छात्रों तक पहुंचा जा सके। यहीं उन्होंने पहली बार 2009 में CAT के लिए Online Video Based learning Program शुरू किया। यह ऐसा आइडिया था, जिसके बाद से उनका एक नया सफर हुआ।


2015 मे लॉंच हुआ Byju’s -The leaning App

कंपनी का फोकस CAT के अलावा चौथी से 12वीं क्लास के छात्रों को Online Coching Provide करने पर था। उनकी कोचिंग में छात्रों की संख्‍या बढ़ने लगी। 2015 में उन्होंने अपना ब्रांडेड प्रॉडक्ट Byju’s -The learning App लॉन्च किया। यह उनके लिए गेमचेंजर साबित हुआ। स्मार्टफोन की बढ़ती लोकप्रियता के बीच उनका यह एप भी पॉपुलर होता गया और तीन महीने के अंदर इस App के जरिये 20 लाख Student जुड़ गए और December 2016 मे ये App Google Play store मे Best Self Improvement App बन गया। 

इसकी लोकप्रियता को देखते हुये 2016 में Facebook फाउंडर Mark Zuckerberg और उनकी पत्नी Priscilla Chan की संस्था 'Chan Zuckerberg Initiative' और चार वेंचर कैपीटल पाटनर्स ने Byju’s में 5 करोड़ डॉलर (तब 330 करोड़ रुपए) का निवेश किया। 

इसके द्वारा छात्र Online Study material प्राप्त कर सकते है कुछ free है लेकिन Advance Services के लिए कुछ fee चुकाने पड़ते है । वर्तमान मे Byju’s  Learning App से तरीबन 2 करोड़ Student जुड़े है जिसमे 13 लाख Paid Subscribers है और हर महीने 25000 नए Students भी जुडते है। 


कितना है सालाना Revenue ?

Byju’s  की शुरुआत 2011 मे 2 लाख रुपए के निवेश के साथ हुई थी और प्रत्येक वर्ष इसकी revenue बढ़ती गई 2011-12 में रेवेन्यू 4 करोड़ रुपए था, जो 2012-13 में बढ़कर 12 करोड़, 2013-14 में बढ़कर 20 करोड़, 2014-15 में बढ़कर 48 करोड़ और 2015-16 में बढ़कर 120 करोड़ रुपए हो गया। यह 2016-17 में बढ़कर 260 करोड़ रुपए हो गया। अब कंपनी का हर महीने रेवेन्यू 100 करोड़ रुपए से ज्यादा है। वित्त वर्ष 2018-19 में Byju’s का रेवेन्यू 1430 करोड़ रुपए रहा है। 

Byju’s के सफलता का अंदाजा इसी बात पे लगाया जा सकता है की 8 वर्ष पहले 10 कर्मचारी 2 लाख रुपए की  कंपनी और 8 साल बाद 1000 कर्मचारी 1400 करोड़ की कंपनी बन गई । 

इतना ही नहीं दुनिया की सबसे धनी Cricket Board यानि BCCI का मुख्य Sponsorship बनने का दर्जा हासिल कर पाना खुद मे एक मिशाल है । 


Byju’s ने BCCI से किया बड़ा डील 

चीन की सबसे बड़ी Mobile company oppo ने BCCI के साथ अपना Sponsorship डील खत्म करने का निर्णय लिया है और साथ ही साथ Oppo ने ये डील Byju’s को सौप दिया है यानि दर्शकों को भारतीय पुरुष Cricketers के जर्सी मे अब Oppo की जगह Byju’s लिखी नजर आयेगी । 

Oppo को 2017 मे 5 वर्ष के लिए ये Sponsorship दी गई थी लेकिन Oppo इस डील मे नुकसान होने का आशंका जताई थी इसलिए इस डील को बीच मे ही तोड़ दी गई और  Sponsorship Byju's को दे दी गई । 

Oppo बीसीसीआई को प्रत्येक द्विपक्षीय मैच के 4.61 करोड़ रुपए देता था, जबकि एक आईसीसी इवेंट के 1.56 करोड़ रुपए देता था। अब आगे BCCI को पैसे Byju's करेंगी । नए ब्रांड नेम वाली जर्सी इंडिया - साउथ अफ्रीका दौरे के दौरान नजर आएगी।





Source - Wikipedia,Money bhaskar,Byju's 

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बजरंग बली से सीखे मैनेजमेंट के तरीके

अगर आप एक सफल Businessman है या बनना चाहते है तो बजरंगबली को बनाए अपना Management गुरु और प्राचीन काल मे बजरंगबली के द्वारा अपनाए सूझ बुझ को अपने जीवन मे उतारे,सफलता और प्रसिद्धि दोनों आपके पास होगी ।




बजरंगबली से सीखे Management के ट्रिक्स 


Business Management By Lord Hanuman


बजरंगबली जिन्हे हम सब कभी बजरंगी तो कभी हनुमान के नाम से पुकारते है ऐसे ही अनेकों नाम भारतीय हिन्दू संस्कृति मे प्रचलित है । शक्ति और बुद्धि दोनों के महारथी हनुमान जी भारतीय पुराण शास्‍त्र के ऐसे देवता हैं, जो सदियों से लोगों को अपनी ओर खींचते रहे हैं। उनका आकर्षण 21वीं सदी में भी कम नहीं हुआ है।

दरअसल इस दौर में प्रभावशाली बनने के लिए Skill और Power ये 2 चीजें सबसे ज्‍यादा जरूरी हैं। भारतीय मैथॉलोजी में हनुमान जी इन दोनों चीजों के Source हैं। यही कारण है कि वह हर आयुवर्ग के लोगों को अपनी ओर खींचते हैं। क्‍योंकि किसी भी उम्र के मोड़ पर और किसी भी पेशे में आपको दोनों में से किसी ने किसी Skill की जरूरत पड़ती है।

अगर आपको अपने बिज़नस मे सफल होना है तो आपको Management और Skill इन दोनों की जरूरत पड़ेगी इन दोनों मे अगर थोड़ी भी कमी होती है तो आप एक सफल Businessman नहीं बन पाएंगे ।

हुनमान जी से आप यह Management Skill सीख सकते हैं। अपने Personal Management की बदौलत ही वह संकट मोचन कहलाते हैं। World bank की Disaster Management and Climate Change Unit के कन्‍सल्‍टेंट राजीव झा ने अपने LinkedIn Page पर हुनमान जी की मैनेजमेंट स्किल से जुड़े कुछ रोचक फैक्‍ट्स लिखे हैं।

राजीव के मुताबिक, बेस्‍ट मैनेजर बनने के लिए आपमें Command ,Competency and Communication यानी 3C और Discipline and Loyalty  यानि 1 DL का होना बहुत जरूरी है।


आइये जानते है कैसे महावीर बजरंगबली से यह फॉर्मूला सीख सकते हैं।

1. Competency

दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफे के मुताबिक, अगर आप सफलता चाहते हैं तो आपमें Circle of Competence का होना जरूरी है। बिजनेस में बाजीगर बनने का यह पहला फंडा है। जब तक आप में यह भावना नहीं होगी आप अपने Rivals यानि प्रतिद्वंदी को पीछे नहीं छोड़ पाएंगे। इसके लिए जरूरी होता है कि आप आगे बढ़कर खुद Ownership  और अपने काम को एक टाइम फ्रेम में पूरा करें। 


बजरंगबली है क्षमता के सबसे बड़े उदाहरण 

लक्ष्‍मण के लिए संजीवनी बूटी लाने की बात थी तो सबसे पहले हनुमान जी आगे आए। यही नहीं इसे लाने के लिए सिर्फ रात भर का मौका था। उन्‍होंने इस टाइम फ्रेम में यह करके दिखाया और लक्ष्मण जीवित हो गए । 


2. Communication

Microsoft के founder,Bil Gates कई मौके पर अक्सर कहते है की बिज़नस मे सफल होने के लिए आपको एक बेहतर Communicator होना जरूरी है यानि आप अपनी बातों को दूसरों तक पहुचाने मे माहिर हो यानि आपकी Communication Skill इतनी बेहतरीन हो की लोग आपके बात को आसानी से समझ कर भरोसा कर सके ।


बजरंगबली से सीखें Communication के ट्रिक्स

हनुमान जी अशोक वाटिका में माता सीता का पता लगाने गए। यहां उन्‍हें सीता माता को रामजी का संदेश देना था। हनुमान जी वहां गए और राम का संदेश देने में कामयाब रहे। अपने संदेश की प्रमाणिकता के लिए वह राम की ओर से दी गई अंगूठी भी साथ ले गए। वास्‍तव में यह Good Communication की निशानी है।




3 . Command

अगर आपको आपके काम पर कमांड नहीं है तो आप सफलता हासिल नहीं कर पाओगे,ऐसे लोग ही सुपर सक्‍सेसफुल बनते हैं, जिनकी अपने काम पर कमांड होती है।

बजरंगबली कैसे करते थे कमांड का इस्त्माल

एक कहावत है अगर आपको लंका जलानी है तो अपनी पूंछ में आज जरूर लगानी होगी। माता सीता का पता लगाने के बाद हनुमान की पूंछ में आग लगा दी गई। उन्‍होंने इसी पूंछ से लंका में आग लगा दी। लेकिन इस दौरान विभीषण का घर बचा रहा और खुद को कोई क्षति नहीं पहुंची। यही तभी संभव होता है जब आपका अपने वर्क पर कमांड हो। यह घटना Risk Management को टैकल करने का भी अच्‍छा उदाहरण है।

4. Discipline 

वॉरेन बफे के मुताबिक, इन्‍वेस्‍टमेंट में डिसिप्‍लिन ने ही उनको सफलता के इस मुकाम पर पहुंचाया। खुद की भूमिका को पहचान कर हमेशा उसके नक्शे कदम पर चलना ही सफलता है । 


बजरंगबली मे थी इसके सारे गुण 

हनुमान जी लंका गए, सीता का पता लगाया और रामजी का संदेश दिया। हालांकि उनके पास Power और competency (क्षमता) थी कि वह सीता को लेकर वापस अकेले आ सकते थे,लेकिन उन्‍होंने ऐसा नहीं किया और बस संदेशवाहक के तौर पर अपने काम को पूरे Discipline  के साथ अंजाम दिया। वास्‍तव में Powerful होने के बाद भी अपने ताकत नहीं दिखाना ही अनुशासन का सबसे बेहतरीन उदाहरण है। 

5 . Loyalty

किसी कंपनी की सफलता इस बात में निर्भर करती है कि वह अपने ग्राहकों के प्रति कितनी लॉयल है। अपने ग्राहक और कंपनी से जुड़े सभी क्लिएंट्स सजगता एवं पारदर्शिता ही बिज़नस मे सफल बना सकता है । 


बजरंगबली के व्यक्तित्व ही उनकी लोयल्टी है 

यह बात हनुमान जी के पूरे कैरेटक्‍टर से सीख सकते हैं। भगवान राम के प्रति अपनी Loyalty यानि ईमानदारी के चलते ही वह आज हिंदुओं के बीच पूजे जाते हैं। उन्‍हें सबसे बड़े भक्‍त का खिताब मिला। 

उनके कैरेटक्‍टर से आम सैनिक और Different Organisations के Professionals भी सीख सकते हैं कि किस तरह कोई किसी बड़े ओहदे पर पहुंचे बिना ही कोई कैसे नाम, सम्‍मान और प्रसिद्धि हासिल कर सकता है। जरूरी नहीं है कि वह CEO या MD बनेे। 

तो अगर आप एक सफल Businessman या फिर जीवन मे कुछ हासिल करना चाहते है तो भगवान राम के सबसे बड़े भक्त बजरंगबली के नक्शे कदम पर चले सफलता आपके साथ परछाई की तरह रहेगी । 
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हिन्दी दिवस कब मनाया जाता है जानिए हिन्दी भाषा की महत्व के बारे मे

Hindi Diwas

Happy Hindi Diwas and world Hindi day

भाषा नदी को वो धारा है जो अपने सामने आने वाली हर चीज को खुद मे समा लेती है ऐसे ही एक बेहद सरल और प्राचीन भाषा है हिन्दी जो करोड़ो वर्षो से हर वर्ग हर देश के लोगों को अपनी शालीनता और सरलता मे समाये जा रही है पूरे विश्व मे 250 अरब लोग अपने दैनिक बोल चाल मे हिन्दी भाषा का प्रयोग करते है ।

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भाषा की पहचान एक प्रेरणादायक कहानी

दोस्तों दोस्तों अक्सर कम बोलने वाले लोग चर्चित नहीं होते लेकिन कम बोल कर अच्छा बोलने वाले को सभी याद रखते है। पेश है एक ऐसे ही बेहद संदेशात्मक कहानी जो आपको ये भी बताएगी की अगर आपको कुछ बोलना है तो आपको पहले सुनना सीखना होगा । आपसे आग्रह है की आप इसे पूरा पढे --Value of your language A beautiful Motivational Story in Hindi

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दिल को छु लेनेवाली प्रेम भरी सच्ची कहानी : वक्त मोहब्बत और तनहाई most heart touching love story

most heart touching love story of purnia,bihar
हम सभी के जीवन मे कुछ पल ऐसे आते है जिसे हम ना चाहते हुये भी कभी भूल नहीं सकते वो खास पल परछाई की तरह हमेशा हमारे साथ जुड़ी रहती है जिसे हम कुछ देर के लिए छुपा तो सकते है लेकिन उसे कभी हटा नहीं सकते ।
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मजबूरी का नाम महात्मा गांधी क्यूँ कहा जाता है ? Majburi ka Nam Mahatma Gandhi Kyun kaha Gya hai

 

Hello Friends हम अक्सर अपने दैनिक जीवन मे या फिर अपने बोलचाल के दौरान कुछ ऐसे वाक्य का इस्त्माल करते है जिसका अगर आप गौर करें तो आपको उस वाक्य के पीछे का कारण कभी समझ नहीं आएगा लेकिन आज Knowledge Panel मे हम चर्चा करेंगे के एक ऐसे वाक्य का जिसे आप अक्सर या यू कहें हर रोज खुद बोलते या किसी से बोलते सुना होगा – “मजबूरी का नाम महात्मा गांधी “

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सपने हुये अपने एक खूबसूरत कहानी : Dreams comes True a Beautiful Short story in hindi

short story in hindi

कहते है सपने कभी अपने नहीं होते लेकिन फिर भी हर इंसान अपने जीवन मे अपनी ख्वाइश पूरी करने की जद्दोजहज मे लगा रहता है लेकिन कभी कभी इंसान के सपने पारिवारिक और सामाजिक रीति रिवाजों के बोझ तले दब जाता है तो कभी कभी इंसान इन कुरुतियों से लड़ते हुये अपने दिली ख्वाइश पूरी कर लेता है चाहे वो इत्तिफ़ाक से हो या उन रीतिरिवाजों के दायरे मे हो लेकिन सच तो ये है की काश ये रीतिरिवाज जात पात धर्म का बंधन ना होता तो शायद इंसान धरती पर सबसे ज्यादा सुखी होता । ऐसे ही सामाजिक भावनाओ से जुड़ी है आज की ये लघु कथा जिसे KnowledgePanel के नियमित  Reader Mr. Sourav AnkitChourasia ने भेजा है जो अपने भावनाओं को शब्दों मे पिरो कर पेश किया है, आप इनकी लिखी और भी रचनाओं जैसे कविता,कहानी आदि को इनके Personal Blog - https://blogbyankit.blogspot.com पर पढ़ सकते है

सपने हुये अपने 


कहानी की शुरुआत होती है एक माध्यम वर्गीय परिवार से जहां ठाकुर साहेब अपने धर्मपत्नी और अपनी चार पुत्री और एक पुत्र के साथ बड़े खुशी खुशी ढेर सारे सपने सँजोये अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे और अपनी दवा की दुकान से अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे , वक्त के साथ जीवन अपनी दूरी तय कर रही थी और एक वक्त ऐसा आ गया जहां ठाकुर साहेब को अपनी पुत्री भारती की शादी की चिंता सताने लगी और बहुत असरे बाद वो वक्त भी आ गया जब उनकी पुत्री भारती के रिश्ते के लिए लड़के वाले उनके घर आने वाले थे ये खबर बिना किसी देरी के वो अपनी धर्मपत्नी को देना चाहत थे और ठाकुर साहेब अपने दवा की दुकान से सारे काम निपटा के घर आए

"अजी सुनती हो ठकुराइन !! -  कहां हो ?? ज़रा फ्रिज से ठंडा पानी लेती आओ, बड़ी प्यास लगी है और सुनों अपनी भारती के लिए रिश्ता आया है। लड़का परिवहन विभाग में काम करता है। ज़रा मेरे कमरे में पानी लेकर जल्दी  आओ "--- ये कहते हुए ठाकुर साहब भरी दोपहरीया में पसीना पोंछते हुए अपने कमरे में चले गए (उनकी धर्मपत्नी शिक्षिका हैं।) 

और 2-3 के बाद उनके घर लड़के वाले का आगमन होता है ठाकुर साहेब सारे काम निपटा कर जल्दी घर लौट आए ताकि मेहमानो के खातिरदारी मे कोई कमी ना रह जाए और सच मे मेहमानों की खातिरदारी में ठाकुर साहब ने कोई कसर नहीं छोड़ी। महंगे से महंगे स्वादिष्ट मिठाइयाँ तरह तरह के पकवान परोसे गए। लड़के और उसके परिवार वालों ने भारती को देखा। भारती उन्हें पसंद आ गई।

इसके बाद दौर शुरू हुआ लेनदेन की बातों का। चूंकि लड़का सरकारी नौकरी में था तो हर लडकी के पिता की भांति भारती के पिता भी इस रिश्ते को हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे। लेकिन लड़के वालों की मांग सुनकर भारती ने कड़े शब्दों में मना कर दिया था। भारती की मां को भी ये रिश्ता दहेज के कारण मंजूर न था और आखिर में रिश्ते के लिए ठाकुर साहब ने 'ना' कह दिया।


भारती अपने चार बहनों और एक भाई में मंझली थी। उस लड़के से शादी ना होना शायद भारती के लिए अच्छा ही हुआ क्यूंकि वह आगे पढ़ना चाहती थी और कुछ बनना चाहती थी भारती अत्यन्त सुलझी हुई शांत स्वभाव की लडकी थी । हाई स्कूल पास करने के बाद उसने कॉमर्स में अपनी रुचि जताई और इसी में अपना भविष्य ढूंढने में लग गई। हालांकि उसने स्नातक में कॉमर्स की पढ़ाई के साथ- साथ बैंकिंग और अन्य परीक्षाओं के लिए खुद को तैयार करने की कोशिश की ताकि कोई नौकरी पा सके और आगे पीएचडी की पढ़ाई और रिसर्च करने में कोई आर्थिक समस्या न हो। बरहाल, पढ़ाई के दौरान उसके कई दोस्त बने जो उसे काफ़ी अजीज होते थे। इसी दौरान हर लड़की के जैसे भारती के भी कुछ ख्वाब पलने लगे मन किसी लड़के पर आ गया ।

इन्ही मे से एक लड़का था ' भारत' , बहुत मैच्योर, पारिवारिक और व्यवहारिक। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ साथ पार्ट टाइम जॉब भी कर रहा था। बातचीत थोड़ी आगे बढ़ी पहले दोस्ती फ़िर प्रेम के आगोश मे डूबते गए , फ़िर घर वाले और समाज, जात पात, उंच नीच का भय दोनों के मन में आने लगा । भारती इस रिश्ते में आगे बढ़ने से पहले अपने पैरों पर खड़ी हो जाना चाहती थी ताकि उसके परिवार वाले राजी खुशी उन दोनों को अपना लें।

खैर समय अपनी गति से चलता है कुछ दो-तीन सालों के बाद भारती यूजीसी नेट क्वालीफाई करती है और कुछ टाइम बाद उसका सलेक्शन गेस्ट लेक्चरर के तौर पर पास के ही कॉलेज में हो जाता है। इधर भारत भी अपनी पढ़ाई पूरी कर एक अच्छे मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहा थ ।

पढे सच्ची घटना पर आधारित एक सच्ची प्रेम कहानी

कुछ महीने बैंगलोर में काम करने के बाद उसे कंपनी विदेश भेजने की तैयारी में थी ,लेकिन विदेश जाने से पहले वो भारती के साथ घर बसा लेना चाहता था लेकिन परिवार वालों से कहने में संकोच भी करता था । लेकिन
आपसी तालमेल के बाद दोनों एक दिन मुकर्रर करते हैं और अपने परिवार जनों के सामने अपने अपने दिल की बात रखते हैं। काफी मान मनौवल के बाद भारती के माता पिता भारत और उसके माता पिता से मिलने को राजी हो जाते हैं। इधर भारत भी अपने माता पिता को जैसे तैसे कर के मना लेता है। तय दिन में दोनों परिवार वाले मिलते हैं बातों और मुलाकातों के शीलशिला मे आखिरकार जीत 'भारती और भारत' के प्रेम की होती है और शादी तय हो जाती है।


तय तारीख पर दोनों की शादी हो जाती है। दोनों परिवारों के बीच भी धीरे धीरे तालमेल बैठ जाता है और सभी लोग प्रेम से रहने लगते हैं। 

और इस प्रकार ठाकुर साहेब के सपने भी पूरे हो जाते है और भारती अपने मोहब्बत को पाने मे कामयाब भी हो जाती है सपने हकीकत मे बदल तो जाते है।

ये कहानी तो यहीं अपने एक सुखद अंत तक पहुंच गई। लेकिन काश!! ये कहानी वर्तमान मे हर भारती और भारत की होती तो समाज मे फैली इस जात-पात,धर्म,रीतिरिवाज जैसे दूषित बीमारी का निदान हो जाता।

रिश्ते चाहे जैसे भी बने अगर वे प्रेम और संस्कार के प्रांगण मे हो तो उसे कोई रीतिरिवाज और जात पात नहीं रोक सकती ।

Edited By - Mr. Angesh Upadhyay
Presented By - Knowledge Panel


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Unforgettable Memories of India Top Memories of 2019

Hello friends कैसे हो आप,उम्मीद करता हूँ आप जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश मे लगे होंगे लेकिन हर पल हर वक़्त आपके दिल मे एक ही ख्याल आता होगा की थोड़ा और बेहतर हो जाता तो अच्छा होता इसी इंतजार और चाहत मे हम सब ज़िंदगी जीते रहते है और वक़्त को पीछे छोड़ते रहते है और वक़्त कैसे गुजर जाता है हमे पता ही नहीं चलता।
unforgettable memories

बीते वक़्त मे खोने और पाने का सिलसिला जारी रहता है इसी दौरान हम ऐसे नगीने को खो देते है जिसे हम हमेशा सुनना देखना और महसूस करना पसंद करते है,आइये जानते है ऐसे ही कुछ प्रसिद्ध,खास और बेहतरीन व्यक्तित्व के धनी शखासियत के बारे मे जिन्हे हमने वर्ष 2019 मे हमेशा के लिए खो दिया ।

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अटल बिहारी वाजपायी के हिन्दी कविता best Hindi quotes of atal bihari vajpayee

best Hindi quotes of atal bihari vajpayee and top poems of atal ji


जब भी हों निराश, पढ़ें अटल जी के 5 Quotes और कविता 


दोस्तों भारत ने 16 अगस्त को जो खोया शायद उसे कभी भुला नहीं पायेगा देश का हर नागरिक उनका मुरीद था ।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त 2018 के शाम को निधन हो गया। वह दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में भर्ती थे। 94 साल के अटल जी की हालत पिछले 2 दिनों से गंभीर बनी हुई थी और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था।

अटल जी एक अच्छे राजनेता के साथ-साथ धुरंधर वक्ता भी थे। उन्होंने नेशनल से लेकर इंटरनेशनल मंचों पर हर बार अपने वक्तव्यों का लोहा मनवाया। उनके ऐसे कई Quotes हैं, जो इंसान को सोचने पर मजबूर कर देते हैं, साथ ही निराशा में प्रेरणा का काम करते हैं। 
आइए आपको बताते हैं अटल बिहारी वाजपेयी के ऐसे ही 5 प्रेरणादायक Quotes-
  • 1.     छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता
  • 2.     हम यूं ही अपने कीमती संसाधनों को युद्धों में बर्बाद कर रहे हैं, अगर युद्ध करना ही है तो बेरोजगारी, बीमारी, गरीबी और पिछड़ेपन से करना चाहिए
  • 3.     आप मित्र बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं'
  • 4.     हमारी परेशानी कोई बंदूक नहीं बल्कि केवल भाईचारा ही खत्म कर सकता है .
  • 5.     कठिन परिश्रम कभी थकान नहीं लाता,वह संतोष लाता है

भारत रत्न अटल जी भले ही हमारे बीच नहीं रहें लेकिन उनके द्वारा लिखी कविता और भारतीय राजनीति में उनका योगदान हमेशा याद रहेगा 

अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लिखी कुछ बेहतरीन कविता 

राह कौन सी जाऊँ मैं?

चौराहे पर लुटता चीर
प्यादे से पिट गया वजीर
चलूँ आखिरी चाल कि बाजी छोड़ विरक्ति सजाऊँ?
राह कौन सी जाऊँ मैं?

सपना जन्मा और मर गया
मधु ऋतु में ही बाग झर गया
तिनके टूटे हुये बटोरूँ या नवसृष्टि सजाऊँ मैं?
राह कौन सी जाऊँ मैं?

दो दिन मिले उधार में
घाटों के व्यापार में
क्षण-क्षण का हिसाब लूँ या निधि शेष लुटाऊँ मैं?

राह कौन सी जाऊँ मैं ?


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दूध में दरार पड़ गई

ख़ून क्यों सफ़ेद हो गया?
भेद में अभेद खो गया।
बँट गये शहीद, गीत कट गए,
कलेजे में कटार दड़ गई।
दूध में दरार पड़ गई।

खेतों में बारूदी गंध,
टूट गये नानक के छंद
सतलुज सहम उठी, व्यथित सी बितस्ता है।
वसंत से बहार झड़ गई
दूध में दरार पड़ गई।



आओ फिर से दिया जलाएँ

अपनी ही छाया से बैर,
गले लगने लगे हैं ग़ैर,
ख़ुदकुशी का रास्ता, तुम्हें वतन का वास्ता।
बात बनाएँ, बिगड़ गई।

दूध में दरार पड़ गई।

आओ फिर से दिया जलाएँ
भरी दुपहरी में अँधियारा
सूरज परछाई से हारा
अंतरतम का नेह निचोड़ें-
बुझी हुई बाती सुलगाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ

हम पड़ाव को समझे मंज़िल
लक्ष्य हुआ आँखों से ओझल
वर्त्तमान के मोहजाल में-
आने वाला कल न भुलाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ।

आहुति बाकी यज्ञ अधूरा
अपनों के विघ्नों ने घेरा
अंतिम जय का वज़्र बनाने-
नव दधीचि हड्डियाँ गलाएँ।

आओ फिर से दिया जलाएँ

गीत नया गाता हूँ।

गीत नया गाता हूँ
टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर ,
पत्थर की छाती में उग आया नव अंकुर,
झरे सब पीले पात,
कोयल की कूक रात,
प्राची में अरुणिमा की रेख देख पाता हूं।
गीत नया गाता हूँ।
टूटे हुए सपनों की सुने कौन सिसकी?
अंतर को चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी।
हार नहीं मानूँगा,
रार नहीं ठानूँगा,
काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूँ।

गीत नया गाता हूँ।

गीत नहीं गाता हूँ।

गीत नहीं गाता हूँ
बेनकाब चेहरे हैं,
दाग बड़े गहरे है,
टूटता तिलस्म , आज सच से भय खाता हूँ।
गीत नहीं गाता हूँ।
लगी कुछ ऐसी नज़र,
बिखरा शीशे सा शहर,
अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूँ।
गीत नहीं गाता हूँ।
पीठ में छुरी सा चाँद,
राहु गया रेख फाँद,
मुक्ति के क्षणों में बार बार बंध जाता हूँ।

गीत नहीं गाता हूँ।

 

मणिनीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी को सत सत नमन। भारतीय राजनीति का अनमोल रत्न।
वक़्त साथ रहे न रहे किस्मत हमेसा वक़्त के साथ रहती है बाजपेयी रहे न रहे अटल हमेसा बाजपेयी के साथ रहेगी। शायद इसीलिए हर बाजपेयी अटल नही होगा और अटल जैसा कोई राजनीतिज्ञ नही होगा
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नोटबंदी पर एक बेहतरीन लेख जरूर पढ़ें Demonetization Most Painful moments of Every Indians

Demonetization Most Painful moments of Every Indians



आज पूरे चार बीत गए साल 2016 के नवंबर महीने का वो घटना भारत के इतिहास को बदल कर रख दिया जिसने भारत को पूरे विश्व मे एक अलग पहचान दी । 

जी हाँ दोस्तो आज हम बात कर रहे है नोटबंदी  की,आप अपने जीवन मे कभी ये नहीं भूल पाएंगे की साल 8 नवंबर 2016 की वो रात कुछ देर के लिए ही सही आप पूरी तरह कंगाल हो गए थे । वो पल अब सायद ही कोई महसूस कर पाएगा ।

दोस्तो जरा अपने दिलो दिमाग को उस दिन की तरफ लेकर जाइए क्या कभी अपने सोचा की शाम को जो अपने पैसे कमाये वो रात को किसी काम का नहीं होगा ? 

जेब मे रखा पैसा मानो अपनी अंतिम साँसे गिन रहा हो और आपसे ये कह रहा हो की – मुझे माफ करना भाई मेरे जाने का वक़्त आ गया है। वक़्त भी इतनी दर्दनाक की आप चाह कर भी उसे आगे नहीं बढ़ा सकते । 


दोस्तो शायद हमे उस दिन ये एहसास हो गया की जेब मे रखी ये कागज का टुकड़ा कितना कीमती है। और हम ये सोचने मे मजबूर हो गए की – 

कास की इसे संभाल के सही जगह इस्त्माल किया होता तो आज ये मुझसे दूर ना जा रहा होता,

कास अगर इन कागज के टुकड़े को रिस्वत समझ कर न दिया होता तो आज ये मेरे पास होता ,

कास की इस कागज के टुकड़े को बेवजह जबर्दस्ती अपने पास न रखा होता तो आज ये मेरे पास होता ,

कास की इस कागज के टुकड़े को जमा करने के बजाए दान दे दिया होता तो आज ये मेरे पास होता ,

कास की इस कागज के टुकड़े को खर्च कर कुछ ले ही लेता तो आज ये मेरे पास होता,कम से कम दूर तो न जाता । 

दोस्तो वो दिन किसी के लिए दर्द तो किसी के लिए खुशिया लेकर आया ना लोग समझ पाये की जाऊ कहाँ और ना वो कागज का वो टुकड़ा समझ पाया की कहाँ जाऊ किस किस के पास जाऊ , जो खुद अगले ही पल अपनी खत्म होने वाला है वो क्या करे भला । वो कागज का टुकड़ा जिसे इंसान अपने सीने से लगाए रखा उसे पैसे का नाम दिया,उसे वर्षो संभाल कर रखा,प्यार दिया और आज उसे ही दूर करने मे लगा है ।

दोस्तो भारत सरकार का ये एतिहासिक फैसला किस हद तक सही था इस सवाल का सटीक उत्तर आज तक कोई नहीं दे पाया । लेकिन “ कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है “ इस कहावत को मान कर लोगो ने इस फैसले का स्वागत किया । 


नोटबंदी से फायदा हुआ या नुकसान आइये एक चर्चा करे Knowledge Panel नोटबंदी पर अपनी विचार रखेगी उम्मीद है इस पर आपके विचार जरूर आएंगे । 

दोस्तो भारत के बहुत छोटे लेकिन बहुत बड़े इकाई द्वारा मैं अपनी बात आप तक पहुंचा रहा हूँ इससे किसी को फर्क तो नहीं पड़ेगा लेकिन दोस्तो मिल कर बात करने मे मज़ा जरूर आएगा ।

दोस्तो अगर नोटबंदी से हुए फायदे की बात करे तो इसका फायदा उन लोगो को हुआ जिसने पैसे को जमा तो किया लेकिन समय रहते ही उसे खर्च कर दिया और जब नोटबंदी का वक़्त आया तो पैसे के छोटे से हिस्से को बदल कर अपना जीवन खुशियो से जीने लगे । इसके आलवे फायदा उन लोगो को भी हुआ जो नोट बंदी के बाद बैंक से पैसे बदलवाने के प्रक्रिया को अपने कमाई का जरिया बना लिए,बैंक से हजार के नोट बदलवाने के लिए गरीब और असहाय लोगो से सौ-सौ रुपया ज्यादा लेने लगे । फायदा यही नहीं रुका दोस्तो नोटबंदी मे तो बैंक कर्मचारी की भी चाँदी हो गई जो कर्मचारी महीने मे 10- 20 हजार कमाते थे वो हर रोज 10-20 हजार कमाने लगे । दोस्तो सिर्फ बैंक को ही फायदा नहीं हुआ बैंक के बाहर मेला सा लग गया जिसमे छोटे छोटे व्यापारी अपना व्यापार करने लगे कोई छोले-भटूरे की दुकान लगा ली तो कोई भुजे की दुकान। शायद दोस्तो सरकार का मकसद पूरा हो गया । फायदे तो और भी हुये दोस्तो लेकिन इससे भ्रस्टाचार खत्म नहीं हुआ आज भी लोग घुस दे रहे है ले रहे थे 100 रुपए घुस देकर भी लोग हजार रुपए बदलवा रहे थे । 


दोस्तो अब अगर बात करे नुकसान की तो नुकसान उन लोगो को हुआ जो पैसे जमा तो किए लेकिन इतना जमा कर लिए की उसे खर्च ही ना कर पाये और अंत मे वो पूरी खर्च हो गई वो जहां करोड़ो मे खेल रहे थे नोटबंदी मे 1000 निकालने के लिए बैंक बैंक भटक रहे है। बैंक कर्मचारी जो 8 घंटे काम करते थे वे अब अपना काम 12 घंटे मे भी खत्म ना कर पाये।

दोस्तो अगर हम बात करे नोटबंदी मे सरकार के मकसद की तो सरकार का एक ही मकसद था वो था भ्रस्टाचार जो शायद कम नहीं हुआ।

आखिर कैसे रोका जाए भ्रस्टाचार को ? 

दोस्तो आइये कुछ बिन्दु पर ध्यान दे । 

क्यो ना खाने पीने की छीजो की तरह ही नए नोट की भी Expiry Date तय की जाए ताकि तय समय सीमा के बाद नोट खुदबख़ुद बंद हो जाए जिससे लोग उसे वर्षो जमा करके ना रख पाये और सरकार को दुबारा ऐसा फैसला ना लेना पड़े ।

सरकार को भ्रस्टाचार रोकने के लिए सेना के जवानो जैसे एक टीम बनानी चाहिए जो सिर्फ देश के लिए अपना जीवन जीते है ।

हर विभाग जहां भ्रस्टाचार होने के संभावना ज्यादा है वो CCTV camera से लैस होनी चाहिए और उसका visual जनता के सामने होना चाहिए ।


सरकार को भारत की शिक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि लोग ये समझ सके की भ्रस्टाचार को रोका कैसे जाए और कैसे इसके अर्थ को समझे ।

दोस्तो भ्रस्टाचार रोकने के उपाए तो बहुत है लेकिन इसपर अमल करना भारत सरकार की ही नहीं हम सब की भी है ।

लेकिन दोस्तो शायद इसे रोकने का इक ही उपाए मुझे लगता है वो है – नोट बदलो देश बदलेगा ,नोट की भी validity होनी चाहिए ताकि वो एक जगह ना रह पाये , देश को लोगो को Digital इंडिया को अपनाना होगा,सरकार को नई Technology विकसित करनी होगी ताकि लोग ये समझ सके की नोट ना हो तो भी लोग पैसे कमा सकते है पैसे बचा सकते है । 

Written By 


Angesh Upadhyay





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