आज भारत के एहम राज्य बिहार Bihar Diwas माना रहा है आज ही के दिन 22 March 1912 को Bihar को बंगाल से अलग किया गया था इसलिए 22 March को Bihar Diwas मनाया जाता है । पहले विहार ,मगध और अंत मे बिहार के नाम से जाने वाला राज्य की जनसंख्या लगभग 10 करोड़ से भी ज्यादा है 75 % लोग खेती करते है 38 जिलो (District) 9 प्रमंडल (Division ) इन 38 जिलों को 101 अनुमंडल (Subdivision) ,534 प्रखंड (Block) ,8471 पंचायत (Panchayat ) ,45103 गावों (Village) मे बांटा गया है प्राचीन काल मे बिहार का नाम शिक्षा जगत मे सबसे ऊपर था नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University ) विक्र्म्शिला विश्वविध्यालय (vikarmshila University ) का नाम पूरी दुनिया मे आज भी लोग जानते है । लेकिन दुर्भाग्यवश आज बिहार शिक्षा मे सबसे पीछे है ।
आज Bihar Diwas पर हम बात करेंगे प्रदेश की सबसे गंभीर समस्या शिक्षा के बारे मे ।
भारत के सबसे पिछड़े राज्य बिहार के बारे में क्योँकि देश में जब भी शिक्षा की चर्चा होती है तो हम बिहार को नहीं भूल सकते है।
भारत के सबसे पिछड़े राज्य बिहार के बारे में क्योँकि देश में जब भी शिक्षा की चर्चा होती है तो हम बिहार को नहीं भूल सकते है।
दोस्तो बिहार (Bihar) भारत का एक ऐसा राज्य है जो शिक्षा के स्तर मे भारत के 38 राज्यो मे सबसे नीचे है आइये इस गंभीर विषय पर एक चर्चा करे और जाने क्यू है बिहार मे शिक्षा का ये हाल ।
दोस्तो Knowledge Panel ने इंटरनेट,अखबारो,टीवी चैनल के माध्यम से ली गई जानकारी को
इकठ्ठा कर के आपके लिए एक आर्टिक्ल तैयार किया है । पसंद आए तो इसे Share जरूर कीजिये ताकि सब मिल कर बिहार के शिक्षा को सुधारने मे आगे आए ।
दोस्तो देश मे हमेसा से
कुछ अलग तरह की बातों के लिए चर्चा मे रहने वाला राज्य बिहार मे कुल 17 State Universities है जिसमे ( Patliputra
University, Bihar Animal Science University ,Purnea university and Munger
University जिसे 2016 मे खोली गई ),9 central
universities, 2 Deemed universities और 5 Private
university है यानि कुल मिला कर 27 विश्वविध्यालय
है इसके आलवे अगर हम बात करे Engineering Colleges की तो कुल
4 Central Governments,13 पब्लिक सैक्टर के Governments
engineering College और 17 Privet Engineering College है जो हर साल तकरीबन 9000 छात्रो को Engineering की
शिक्षा देती है 10 Government
medical College 3 Private Medical College साथ ही dental
College , Agriculture College, MBA College, MCA College, Art
& Fashion, law etc ये
सब मिला कर कुल 134 Colleges है बिहार मे ।
इन सब के आलवे अगर हम
बात करे निचले स्तर के शिक्षा की अर्थात प्राथमिक मध्यमिक और उच्य स्तर के शिक्षा
की तो बिहार मे कुल 71,832 विद्यालय
है जिसमे 2 करोड़ 34 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण करने जाते है। दूसरी तरफ हर साल सैकड़ो
छात्र IAS,IPS,IFS,CA,IIT जैसे कठिन परीक्षा मे बिहारी
छात्र अपना दबदबा बनाए रखते है । देश के अलग अलग हिस्सो के सरकारी और गैर सरकारी
विभागो के शीर्ष स्थान मे भी बिहारी छात्रो का वर्चश्व बना रहता है ।
ये तो सब आकड़े को देखने
के बाद हमारे मन मे एक ही सवाल उठता है
क्या सच मे ये वही बिहार है ?
पूरे भारत मे सबसे
परिश्रमी माने जाने वाले ये बिहारी आज पीछे क्यू है ?
देश को सबसे ज्यादा IAS देने वाला राज्य आज शिक्षा के क्षेत्र मे सबसे पीछे क्यू है ?
ये सवाल हर किसी के मन मे उठता है ।
दोस्तो ऊपर दिये आकड़ों
को देखने के बाद आप सोचेंगे की सब कुछ तो बिलकुल ठीक है फिर कमी है
कहाँ............
कमी है दोस्तो अब आगे आप
कुछ आकड़ों देखने के बाद आपको समझ आ जाएगा गलती कहाँ है ।
दोस्तो 1961 से
2011 तक बिहार मे साक्षारता दर कुछ इस प्रकार है
वर्ष
|
कुल
|
पुरुष
|
महिला
|
1961
|
21.95
|
35.85
|
8.11
|
1971
|
23.17
|
35.86
|
9.86
|
1981
|
32.32
|
47.11
|
16.61
|
1991
|
37.49
|
51.37
|
21.99
|
2001
|
47.53
|
60.32
|
33.57
|
2011
|
63.82
|
73.39
|
53.33
|
आकड़ों को देखे तो बिहार
की साक्षारता दर बढ़ी है और सरकार इसके लिए कई तरह के योजना भी लेकर आती रहती है अब
देखना ये है की 2021 मे होने वाले जनगणना मे इन आकड़ों मे कितनी बढ़ोतरी होती है ।
वर्तमान समय की बात करे
तो बिहार मे शिक्षा जगत कई सारे समस्या से घिरी है यहाँ मांग और आपूर्ति यानि Demand and Supply का तालमेल कुछ अच्छा नहीं
है तेजी से बढ़ती जनसंख्या और इतने सारे सुविधाओ के बाबजूद उचयस्तरीय शिक्षा के लिए
छात्रो का दूसरे राज्यो मे जाना ये सब शिक्षा के गंभीर समस्या मे से है ।
शिक्षा को आगे बढ़ाने
वाले शिक्षक की बात करे सरकार के मुताबिक पूरे बिहार मे तकरीबन 4,67,877 शिक्षक है जो 2
करोड़ 34 लाख छात्रो को पढ़ते है यानि हर 50 छात्रो पर 1 शिक्षक
अब सबसे चौकने वाली बात ये है की कुल शिक्षक मे तकरीबन 37.8 % शिक्षक स्कूल मे अनुपस्थित रहते है यानि 2,91,019 शिक्षक अक्सर पढ़ाने नहीं जाते जो देश मे ही नहीं विश्व मे अपने आप मे एक अनोखी घटना है ।
दोस्तो अबतक तो आप समझ
ही गए होंगे की बिहार की शिक्षा मे कमी कहाँ है । जी हाँ दोस्तो कमी यहाँ की
शिक्षा वयवस्था मे है । कमी बिहार सरकार के
द्वारा चलाई जा रही शिक्षा योजना पे है ।
इन सब से मतलब साफ है की
सरकार को बिहार मे निचले स्तर की पढ़ाई पर
विशेष ध्यान देने की जरूरत है ।
शिक्षा के क्षेत्र
मे कुछ जरूरी और ध्यान देने वाले तथ्य अक्सर बिहार को लेकर देश के सामने आती है..
- साल 2017 मे आए बिहार बोर्ड 12वी का परिणाम आपको चौका देगा जिसमे 70% छात्र फ़ेल हो गए ! इतने खराब रिज़ल्ट का कारण
- साल 2016 मे बिहार बोर्ड के Toppers घोटालो को पूरा देश जानता है जिसमे सभी Faculty मे Top किए छात्र शिक्षा के सबसे बारे घोटाले का शिकार हुए जिसने बिहार शिक्षा व्यवस्था को हिला के रख दिया ।
- Toppers घोटाले के बाद सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुये Bihar Education Board मे भारी फेरबदल किया ।
- इतने फेरबदल के बाद भी साल 2017 मे फिर Topers मे घोटाले की बात सामने आ रही है जिसमे 12 कक्षा के आर्ट्स Topers गणेश कुमार पर इंल्ज़ाम लगा की वे बिहार बोर्ड के साथ मिल कर अपनी उम्र छिपा कर परीक्षा दी है और छानबीन मे ये सामने आया की इस प्रक्रिया मे शिक्षा विभाग के बारे अधिकारी शामिल है ।
- इसके आलवे 2017 के आए 12वी के परिणाम मे कुछ ऐसे छात्र भी है जिन्होने ने आईआईटी जैसे कठिन परीक्षा पास की है लेकिन बिहार बोर्ड के 12वी के परिणाम ने उन्हे फ़ेल कर दिया वो भी किसी विषय मे 0 अंक आने के कारण ।
उपर्युक तथ्यो से ये साफ
है की बिहार शिक्षा की पूरी सिस्टम ही खराब है और ये बिहार के के लिए गंभीर समस्या
का विषय है ।
इस खराब सिस्टम को
सुधारने के लिए राज्य सरकार को कुछ कड़े फैसले लेने होंगे ।
- सबसे पहले बिहार मे शिक्षक की 9 लाख खाली पदो पर अनुभवी और प्रतिभाशील शिक्षक की बहाली करनी होगी ।
- वर्तमान मे बहाल शिक्षक बच्चो को किस प्रकार की शिक्षा दे रहे है इसकी बराबर जांच होनी चाहिए
- शिक्षक का वेतन उसके डिग्री पर नहीं बल्कि उसके शिक्षा शैली पर देनी चाहिए ।
- शिक्षक का कार्यकाल घाटा कर इतनी करनी चाहिए की ताकि शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए नए पीढ़ी अपना योगदान दे सके । क्योकि वर्तमान मे स्कूल मे कुछ ऐसे शिक्षक भी कार्यरत है जो कई सालो से एक ही तरह के ज्ञान बच्चो को दे रहे है न उन्हे वर्तमान घटनाओ का ज्ञान है न वे उस लायक है की अपनी ज्ञान बढ़ा सके ।
- बिहार मे कुछ स्कूल के पास प्रायप्त बिल्डिंग नहीं है जहां बच्चे ठीक से पढ़ाई कर सके ,निजी स्कूल मे दी जाने वाली सुविधा से ज्यादा सुविधा सरकार बच्चो को दे सकती है इस बात पर सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए ।
बिहार का भविष्य बिहार के
शिक्षक के हाथ मे उन्हे आगे आकर खुद इसका पहल करना होगा तभी वो सच्चे शिक्षक कहलाएंगे
।
- शिक्षक को अगर वेतन नहीं मिलता तो पूरे प्रदेश मे आंदोलन और हड़ताल होता है लेकिन जरा सोचिए अगर छात्र अपने लिए आंदोलन और हड़ताल करे तो क्या होगा !
- जितने आंदोलन और हड़ताल शिक्षक वेतन पाने के लिए करते है अगर थोड़ा भी आंदोलन हड़ताल बच्चो के भविष्य के लिए दे तो शायद सरकार वेतन देने मे कोताही नहीं बरतेगी ।
- बिहार का भविष्य बिहार के शिक्षक के हाथो मे है दोस्तो अगर आप एक शिक्षक और सच्चे बिहारी है तो खुद को आगे लाइए और बिहार का नाम शिक्षा मे आगे बढ़ाइए ।
Written By- Angesh Upadhyay
Sources- Google
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