दोस्तो GST के बाद सरकार ने देश मे नया बिल लागू किया है जिसे E- Way Bill का नाम दिया गया है आइये आज हम चर्चा करेंगे की क्या है ये E-Way Bill ।
दोस्तो Knowledge Panel समय समय पर आपको कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी देता रहता है इसलिए आप सभी से अनुरोध है की हमारे हर लेख पर अपना सुझाव जरूर दे ताकि हम आपके लिए बेहतर जानकारी ला सकें ।
दोस्तो E-Way Bill System पूरे भारत के कुछ राज्यो मे 1 अप्रेल से लागू हो गया है तो आइये जानते है इसकी पूरी बारीकी को-
E-Way Bill System क्या है?
अगर कोई व्यापारी या अन्य व्यक्ति 50000 ( पचास हजार ) से अधिक के कीमत के समान का सप्लाई दूसरे या अपने ही राज्यो मे करता है तो उसे E–way Bill बनाना होगा ।दोस्तो समझने वाली वाली बात ये है की आपका समान चाहे वो जीएसटी के दायरे मे आए या ना आए अगर कीमत 50000 से ज्यादा है तो E – Way Bill की जरूरत जरूर पड़ेगी ।
कब से और कहाँ कहाँ लागू होगी E-Way Bill ?
क्या है इंटर स्टेट (Inter State) और इंट्रा स्टेट (Intra State) ई-वे बिल ?
राज्य के अंदर ही स्टॉक ट्रांसपोर्ट करने के लिए इंट्रा स्टेट ई-वे बिल बनेगा, जबकि एक राज्य से दूसरे राज्य में स्टॉक भेजने या मंगाने के लिए इंटर स्टेट ई-वे बिल बनेगा।सरकार ने बिल जेनरेशन आसान हो उसके लिए इंटर स्टेट और इंट्रा स्टेट बिल बनाने के फार्मेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। कारोबारी को केवल इंट्रा स्टेट बिल बनाते समय केवल दूरी को बदलना होगा। इसके पहले इंटर स्टेट ई-वे बिल एक अप्रैल 2018 से सरकार लागू कर चुकी है।
इंट्रा स्टेट( Intra State) ई-वे बिल किसे है बनाना?
इंट्रा स्टेट ई-वे बिल 50 हजार रुपए से ज्यासदा का सामान ले जाने वाले अनरजिस्टर्ड कारोबारी, रजिस्टर्ड कारोबारी, डीलर्स और ट्रांसपोर्टर्स को जेनरेट करना होगा।कहाँ करे E –way Bill का registration ?
आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, तेलंगाना और उत्त?र प्रदेश राज्योंा के कारोबारी, डीलर, इंडस्ट्री और ट्रान्स्पोर्टर्स के लिए इंट्रा स्टेट ई-वे बिल के तहत रजिस्ट्रे शन की प्रोसेस शुरू हो चुका है। वे ई-वे बिल पोर्टल https://www.ewaybillgst.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रे शन या इनरॉलमेंट करा सकते हैं।ई-वे बिल की वेबसाइट https://www.ewaybillgst.gov.in पर ही इंट्रा स्टेट ई-वे बिल जेनरेट होगा। इंट्रा स्टेट ई-वे बिल के लिए वही फॉर्म भरना होगा जो इंटर स्टेट ई-वे बिल के लिए भरते हैं। बस डेस्टिनेशन की दूरी और पहुंचाने का टाइम पीरियड कम हो जाएगा। ई-वे बिल जेनरेट करने का तरीका इंटर स्टेट ई-वे बिल की ही तरह होगा। इंटर स्टेट ई-वे बिल की तरह इंट्रा स्टेट ई-वे बिल में इन्वॉइस जेनरेट करने के बाद ट्रांसपोर्ट बिल और फिर ई-वे बिल बनाना होगा।
Unregistered Business Man को भी करना होगा Registration,कैसे?
जिन कारोबारियों का टर्नओवर 20 लाख रुपए से कम है और जिन्होंने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। अगर वह 50 हजार रुपए से अधिक के गुड्स को राज्य के अंदर सप्लाई करते हैं तो उन्हें भी ई-वे बिल बनाना होगा। इंट्रा स्टेट ई-वे बिल में अनरजिस्टर्ड डीलर को एनरॉलमेंट फॉर्म भरना होगा जिसके बाद उनका रजिस्ट्रेशन होगा। ये फॉर्म ई-वे बिल की वेबसाइट पर है और उन्हें रजिस्ट्रेशन के दौरान ये फॉर्म भरना होगा।कितनी अवधि के लिए वैलिड होता है यह E – Way Bill ?
यह बिल बनने के बाद कितने दिनों के लिए वैलिड होता है, यह भी निर्धारित है। अगर किसी गुड्स (वस्तु) का मूवमेंट 100 किलोमीटर तक होता है तो यह बिल सिर्फ एक दिन के लिए वैलिड (वैध) होता है।अगर इसका मूवमेंट 100 से 300 किलोमीटर के बीच होता है तो बिल 3 दिन, 300 से 500 किलोमीटर के लिए 5 दिन, 500 से 1000 किलोमीटर के लिए 10 दिन और 1000 से ज्यादा किलोमीटर के मूवमेंट पर 15 दिन के लिए मान्य होगा।
E-Way-Bill को दरअसल, जीसटी पोर्टल पर पर GST INS-1 Form के रूप में जारी किया जाता है। इसके बाद इसकी जानकारी माल के Supplier, उसके Transporter और Receiver को हो जाएगी
दोस्तो अगर आपको ये आर्टिक्ल पसंद आया तो Like, Comment, Subscribe और share करना न भूले इससे हमे और भी बेहतर आर्टिक्ल लिखने की प्रेरणा मिलेगी ।
Nice Post
ReplyDeleteMiranda House University of Delhi – मिरण्डा हाउस एक गर्ल्स कॉलेज है ये दिल्ली यूनिवर्सिटी के लोथ कैम्पस मे स्थित है मिरण्डा हाउस की स्थापना सन् 1948 मे की गई थी। मिरण्डा हाउस को एन एस के द्वारा A+ ग्रेड दिया गया है। दिल्ली का मिरांडा हाउस Miranda House University of Delhi