आज पूरे चार बीत गए साल 2016 के नवंबर महीने का वो घटना भारत के इतिहास को बदल कर रख दिया जिसने भारत को पूरे विश्व मे एक अलग पहचान दी ।
जी हाँ दोस्तो आज हम बात कर रहे है नोटबंदी की,आप अपने जीवन मे कभी ये नहीं भूल पाएंगे की साल 8 नवंबर 2016 की वो रात कुछ देर के लिए ही सही आप पूरी तरह कंगाल हो गए थे । वो पल अब सायद ही कोई महसूस कर पाएगा ।
दोस्तो जरा अपने दिलो दिमाग को उस दिन की तरफ लेकर जाइए क्या कभी अपने सोचा की शाम को जो अपने पैसे कमाये वो रात को किसी काम का नहीं होगा ?
जेब मे रखा पैसा मानो अपनी अंतिम साँसे गिन रहा हो और आपसे ये कह रहा हो की – मुझे माफ करना भाई मेरे जाने का वक़्त आ गया है। वक़्त भी इतनी दर्दनाक की आप चाह कर भी उसे आगे नहीं बढ़ा सकते ।
दोस्तो शायद हमे उस दिन ये एहसास हो गया की जेब मे रखी ये कागज का टुकड़ा कितना कीमती है। और हम ये सोचने मे मजबूर हो गए की –
कास की इसे संभाल के सही जगह इस्त्माल किया होता तो आज ये मुझसे दूर ना जा रहा होता,
कास अगर इन कागज के टुकड़े को रिस्वत समझ कर न दिया होता तो आज ये मेरे पास होता ,
कास की इस कागज के टुकड़े को बेवजह जबर्दस्ती अपने पास न रखा होता तो आज ये मेरे पास होता ,
कास की इस कागज के टुकड़े को जमा करने के बजाए दान दे दिया होता तो आज ये मेरे पास होता ,
कास की इस कागज के टुकड़े को खर्च कर कुछ ले ही लेता तो आज ये मेरे पास होता,कम से कम दूर तो न जाता ।
दोस्तो वो दिन किसी के लिए दर्द तो किसी के लिए खुशिया लेकर आया ना लोग समझ पाये की जाऊ कहाँ और ना वो कागज का वो टुकड़ा समझ पाया की कहाँ जाऊ किस किस के पास जाऊ , जो खुद अगले ही पल अपनी खत्म होने वाला है वो क्या करे भला । वो कागज का टुकड़ा जिसे इंसान अपने सीने से लगाए रखा उसे पैसे का नाम दिया,उसे वर्षो संभाल कर रखा,प्यार दिया और आज उसे ही दूर करने मे लगा है ।
दोस्तो भारत सरकार का ये एतिहासिक फैसला किस हद तक सही था इस सवाल का सटीक उत्तर आज तक कोई नहीं दे पाया । लेकिन “ कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है “ इस कहावत को मान कर लोगो ने इस फैसले का स्वागत किया ।
नोटबंदी से फायदा हुआ या नुकसान आइये एक चर्चा करे Knowledge Panel नोटबंदी पर अपनी विचार रखेगी उम्मीद है इस पर आपके विचार जरूर आएंगे ।
दोस्तो भारत के बहुत छोटे लेकिन बहुत बड़े इकाई द्वारा मैं अपनी बात आप तक पहुंचा रहा हूँ इससे किसी को फर्क तो नहीं पड़ेगा लेकिन दोस्तो मिल कर बात करने मे मज़ा जरूर आएगा ।
दोस्तो अगर नोटबंदी से हुए फायदे की बात करे तो इसका फायदा उन लोगो को हुआ जिसने पैसे को जमा तो किया लेकिन समय रहते ही उसे खर्च कर दिया और जब नोटबंदी का वक़्त आया तो पैसे के छोटे से हिस्से को बदल कर अपना जीवन खुशियो से जीने लगे । इसके आलवे फायदा उन लोगो को भी हुआ जो नोट बंदी के बाद बैंक से पैसे बदलवाने के प्रक्रिया को अपने कमाई का जरिया बना लिए,बैंक से हजार के नोट बदलवाने के लिए गरीब और असहाय लोगो से सौ-सौ रुपया ज्यादा लेने लगे । फायदा यही नहीं रुका दोस्तो नोटबंदी मे तो बैंक कर्मचारी की भी चाँदी हो गई जो कर्मचारी महीने मे 10- 20 हजार कमाते थे वो हर रोज 10-20 हजार कमाने लगे । दोस्तो सिर्फ बैंक को ही फायदा नहीं हुआ बैंक के बाहर मेला सा लग गया जिसमे छोटे छोटे व्यापारी अपना व्यापार करने लगे कोई छोले-भटूरे की दुकान लगा ली तो कोई भुजे की दुकान। शायद दोस्तो सरकार का मकसद पूरा हो गया । फायदे तो और भी हुये दोस्तो लेकिन इससे भ्रस्टाचार खत्म नहीं हुआ आज भी लोग घुस दे रहे है ले रहे थे 100 रुपए घुस देकर भी लोग हजार रुपए बदलवा रहे थे ।
दोस्तो अब अगर बात करे नुकसान की तो नुकसान उन लोगो को हुआ जो पैसे जमा तो किए लेकिन इतना जमा कर लिए की उसे खर्च ही ना कर पाये और अंत मे वो पूरी खर्च हो गई वो जहां करोड़ो मे खेल रहे थे नोटबंदी मे 1000 निकालने के लिए बैंक बैंक भटक रहे है। बैंक कर्मचारी जो 8 घंटे काम करते थे वे अब अपना काम 12 घंटे मे भी खत्म ना कर पाये।
दोस्तो अगर हम बात करे नोटबंदी मे सरकार के मकसद की तो सरकार का एक ही मकसद था वो था भ्रस्टाचार जो शायद कम नहीं हुआ।
आखिर कैसे रोका जाए भ्रस्टाचार को ?
दोस्तो आइये कुछ बिन्दु पर ध्यान दे ।
क्यो ना खाने पीने की छीजो की तरह ही नए नोट की भी Expiry Date तय की जाए ताकि तय समय सीमा के बाद नोट खुदबख़ुद बंद हो जाए जिससे लोग उसे वर्षो जमा करके ना रख पाये और सरकार को दुबारा ऐसा फैसला ना लेना पड़े ।
सरकार को भ्रस्टाचार रोकने के लिए सेना के जवानो जैसे एक टीम बनानी चाहिए जो सिर्फ देश के लिए अपना जीवन जीते है ।
हर विभाग जहां भ्रस्टाचार होने के संभावना ज्यादा है वो CCTV camera से लैस होनी चाहिए और उसका visual जनता के सामने होना चाहिए ।
सरकार को भारत की शिक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि लोग ये समझ सके की भ्रस्टाचार को रोका कैसे जाए और कैसे इसके अर्थ को समझे ।
दोस्तो भ्रस्टाचार रोकने के उपाए तो बहुत है लेकिन इसपर अमल करना भारत सरकार की ही नहीं हम सब की भी है ।
लेकिन दोस्तो शायद इसे रोकने का इक ही उपाए मुझे लगता है वो है – नोट बदलो देश बदलेगा ,नोट की भी validity होनी चाहिए ताकि वो एक जगह ना रह पाये , देश को लोगो को Digital इंडिया को अपनाना होगा,सरकार को नई Technology विकसित करनी होगी ताकि लोग ये समझ सके की नोट ना हो तो भी लोग पैसे कमा सकते है पैसे बचा सकते है ।
Written By
Angesh Upadhyay
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