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CSC Registration process in hindi कॉमन सर्विस सेंटर कैसे खोलें

दोस्तो हम सभी अक्सर बाजारो मे,अपने दोस्तो से,रिस्तेदारों से CSC के बारे मे सुनते आ रहे है और कई लोग तो इससे काफी सारे पैसे भी कमाए है कई लोगो ने तो अपने भविष्य को सुधारने के लिए भी इसे अपनाया है ।

तो दोस्तो अगर अप भी अगर CSC के दुवारा अपना भविष्य सुधारणा चाहते है तो Knowledge Panel मे 

आप जानेगे की कैसे आप इससे पैसे कमा सकते है और कैसे इसकी शुरुआत कर सकते है ।


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सबसे पहले यह जान ले की CSC क्याहै ?
CSC यानि Common Service Center (कॉमन सर्विस सेंटर) अगर आपके पास थोरे बहुत पैसे है और कम्प्युटर और सरकारी योजना को समझने की काबिलियत है तो आप CSC अपना कर अपना भविष्य सवार सकते है । भारत सरकार की वो भी सभी योजना जो भारत के ग्रामीण इलाके मे नहीं पहुच सकते सरकार CSC के माध्यम से अपनी योजना उन तक पहुचाती है । CSC मे VLE (Village Level Entrepreneur ) बन कर आप भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से जुड़ सकते है । 

कैसे आप CSC से जुड़ सकते है । 
दोस्तो इसके लिए आपको CSC जो की अब डिजिटल सेवा के नाम से जाने जाती है के Official Website http://register.csc.gov.in/register/fresh पे जाकर अपना नामांकन करवाना होगा नामांकन करने के 15 दिन के अंदर आपको एक User ID और password दी जाएगी जिससे आप CSC Portal https://digitalseva.csc.gov.in/ पर Login कर पाएंगे ।

दोस्तो CSC मे registration के लिए आपके पास आधार कार्ड होना आवश्यक है और आपका आधार नंबर से आपका मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी लिंक होना चाहिए तभी आप Registration के पहले पड़ाओ को पास कर पाएंगे ।
इसके आलवे आपको कुछ Documents की जरूरत होगी जिससे आप Registration के process को पूरा कर पाएंगे ।
1.   आधार कार्ड
2.   पैन कार्ड
3.   बैंक अकाउंट नंबर
4.   IFSC code
5.   Cancel Chaque
6.   आपके शॉप या ऑफिस की अंदर और बाहरी तस्वीर

( ये तस्वीर लेते समय आपको ध्यान रखना होगा की आपके कैमरे की लोकेशन ऑन हो और मोबाइल डाटा ऑन हो ।)






Registration करने के बाद आपको CSC की तरफ से एक ईमेल प्राप्त होगी जिसमे आपको Application reference Number दी जाएगी जिससे आप अपने Application की status जान पाएंगे ।


Registration करने के तकरीबन 15 दिन बाद आपको OMT आईडी और DIGIMAIL Credential प्राप्त होगा । उसके बाद आप CSC यानि डिजिटल सेवा के पोर्टल का इस्त्माल कर पाएंगे ।


इसमे आपको 200 से अधिक काम करने का अधिकार प्राप्त होगा जिसे आपको अलग अलग तरीको से बारीकी से  समझना होगा फिर उसमे बताए गए निर्देश का पालन करना होगा ।

वर्तमान मे CSC मे बहुत सारे बदलाव हुये है जिसकी जानकारी आपको आपके CSC Dashboard मे दिखता रहेगा । 

Physical Verification है जरूरी
CSC id मिलने के बाद आपको अपने जिले के CSC District Manager से सपर्क करना होगा जो आपके Center मे आएंगे और आपके सेंटर की जांच करके आपको approved करेंगे जिसके बाद आप वो सभी जरूरी योजनाओ के लिए काम कर पाएंगे ।
अपने जिले CSC district मैनेजर की जानकारी के लिए नीचे दिये गए लिंक पे क्लिक करे 


Click here - All Distrcit Manager of CSC

Digi mail पे पाये जरूरी जानकारी 
समय समय पर आपको आपके Digimail मे वो सभी जरूरी योजनाओ की जानकारी मिलती रहेगी इसलिए आप अपने Digimail को अपने Smartphone मे Configure कर ले । अगर आपको CSC से जुड़े कोई जानकारी या शिकायत करनी हो तो आप इसी digimail की सहायता से मेल कर सकते है 







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How to apply GSTR 1 ?


दोस्तो साल 2017 मे भारत मे सबसे ज्यादा चर्चा के विषय मे GST यानि Goods and Service Tax को पहला स्थान दिया गया है । भारत के नागरिक 1 जुलाई 2017 से GST को अपने दैनिक जीवन का एक हिस्सा मन कर उसे स्वीकार कर लिया लेकिन आज भी लोगो को जीएसटी के बारे मे ज्यादा जानकारी नहीं है , तो आइये आज हम मिल कर GST के जटिल प्रक्रिया के बारे मे पढ़े ।

दोस्तो जीएसटी फ़ाइल करने के तीन प्रक्रिया होते है GSTR 1 GSTR 2 और GSTR 3

आइये जानते है GSTR 1 क्या है और कैसे इसको फ़ाइल करते है ।
दोस्तो GSTR 1 जीएसटी भरने के पहली प्रक्रिया होती है या फिर यू कहे की जीएसटी रिटर्न की नीव होती है GSTR-1 वह Report होती है, जिसके अन्दर व्यापारी को अपने Business की Selling Information File करनी होती है।  GSTR-1 उन सभी प्रकार के व्यापारीयो को File करना होती है, जो Tax pay करते है या जो GST में पंजीकृत है।  सरल शब्दों में कहाँ जाए तो एक महीने के दौरान जितनी भी Sales हुई है, उसकी पूरी Information को GSTR-1 में File किया जाता है।  इसमे जिस Month में Sales की गई उसके अगले महीने की 10 तारीख को GSTR-1 Return File करना होता है, इसमे दो तरीको से GSTR-1 File किया जा सकता है:-
1. पहले तरीके में आप Excel Sheet में GSTR-1 बनाकर File कर सकते है और
2. दुसरे तरीके में आप Direct GST Portal में जाकर Return File कर सकते है।
आप हर तीन महीने मे भी फ़ाइल कर सकते है

GSTR 1 किन व्यापारी को फ़ाइल करनी चाहिए ?



हर वो व्यक्ति जो GST के अंतर्गत पंजीकृत (Registered) है या Tax Pay करता है तथा जिसने महीने के अंत तक कोई Sale की है या नहीं, उन सभी व्यक्तियो को GSTR-1 Return File करना होगा ।

निम्नलिखित व्यक्तियों को GSTR-1 File करने से छुट दी गई है:- यानि निम्नलिखित व्यापारी GSTR1 नहीं भरेंगे ।
Ø Input Service Distributors
Ø Composition Dealers
Ø Suppliers of online information and database access or retrieval services (OIDAR), who have to pay tax themselves (as per Section 14 of the IGST Act)
Ø Non-resident taxable person
Ø Tax payer liable to collect TCS or
Ø Tax payer liable to deduct TDS.




दोस्तो अगर आपको ये आर्टिक्ल पसंद आया तो Like, Comment, Subscribe और share करना न भूले इससे हमे और भी बेहतर आर्टिक्ल लिखने की प्रेरणा मिलेगी । 



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What is GST? All the details in hindi




दोस्तो बीते कुछ दिनों से टैक्स के क्षेत्र मे एक नया शब्द सामने आया है जिसे GST कहा जा रहा आइये जानते है क्या है ये GST और कैसे हम इसका भुगतान कर पाएंगे ।

GST क्या है ?

दोस्तो जीएसटी मतलब GOODS & Service Tax इसका अर्थ ये हुआ की इसके तहत वस्तुओ और सेवाओ पर एक समान टैक्स लगाया जाता है जिस राज्य मे जीएसटी लागू होगी वहाँ आपको वस्तुओ और सेवाओ के लिए एक समान टैक्स देना होगा और जहां लागू नहीं होगी वहाँ सभी वस्तुओ और सेवाओ के टैक्स अलग अलग होंगे । दूसरे शब्दो मे आप कह सकते है की अगर पूरे देश मे यह लागू हो जाती है तो आपको वैट एक्साइज और सर्विस टैक्स जैसे करों की जगह सिर्फ एक ही टैक्स लगेगा जिसे GST कहा जाएगा ।

कब से देना होगा जीएसटी कर ?

राज्यसभा ने अप्रेल 2017 मे इसे मंजूरी दे दी है लोकसभा से इसे मार्च 2017  मे ही मंजूरी मिल चुकी थी इसलिए अगले 1 जुलाई तक पूरे भारत मे लागू करने की संभावना बताई जा रही है और सभी राज्यो को सरकार को जीएसटी लागू करने की हिदायत दे दी गई है ।


कितना देना होगा जीएसटी कर ?

वित्त मंत्री अरुण जेटली के अनुसार कुछ पदार्थ ऐसे भी है जिनमे शून्य कर लगता है और जीएसटी लागू होने के बाद भी शून्य कर ही लगेगा वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद ने विचार विमर्श के बाद जीएसटी व्यवस्था में 0, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दरें तय की हैं. लक्जरी कारों, बोतल बंद वातित पेयों, तंबाकू उत्पाद जैसी अहितकर वस्तुओं एवं कोयला जैसी पर्यावरण से जुड़ी सामग्री पर इसके ऊपर अतिरिक्त उपकर भी लगाने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि 28 प्रतिशत से अधिक लगने वाला उपकर (सेस) मुआवजा कोष में जायेगा और जिन राज्यों को नुकसान हो रहा है, उन्हें इसमें से राशि दी जायेगी. ऐसा भी सुझाव आया कि इसे कर के रूप में लगाया जाए. लेकिन कर के रूप में लगाने से उपभोक्ताओं पर प्रभाव पड़ता. बहरहाल, उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त कर नहीं लगाया जायेगा.
जेटली ने कहा कि मुआवजा उन राज्यों को दिया जायेगा जिन्हें जीएसटी प्रणाली लागू होने से नुकसान हो रहा हो. यह आरंभ के पांच वर्षों के लिए होगा.

कौन सा क्षेत्र जीएसटी कर से बाहर रहेगा ?

जीएसटी में रीयल इस्टेट क्षेत्र को शामिल नहीं किया गया है इस पर स्पष्टीकरण देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें राज्यों को काफी राजस्व मिलता है. इसमें रजिस्ट्री तथा अन्य शुल्कों से राज्यों की आय होती है इसलिए राज्यों की राय के आधार पर इसे जीएसटी में शामिल नहीं किया गया है.
वित्त मंत्री ने कहा कि रियल इस्टेट की तरह ही स्थिति शराब और पेट्रोलियम उत्पादों के संबंध में भी थी. राज्यों के साथ चर्चा के बाद पेट्रोलियम पदार्थों को इसके दायरे में लाया गया है लेकिन इसे अभी शून्य दर के तहत रखा गया है. इस पर जीएसटी परिषद विचार करेगी. शराब अभी भी इसके दायरे से बाहर है.

बहुत सारे कर देने के बोझ से मिली मुक्ति

वित्त मंत्री ने कहा कि पहले एक व्यक्ति को व्यवसाय के लिए कई मूल्यांकन एजेंसियों के पास जाना पड़ता था. आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए उत्पाद शुल्क, सेवा कर, राज्य वैट, मनारंजन कर, प्रवेश शुल्क, लक्जरी टैक्स एवं कई अन्य कर से गुजरना पड़ता था. वित्त मंत्री कहा कि वस्तुओं और सेवरआ का देर्श म सुगम प्रवाह नहीं था. ऐसे में जीएसटी प्रणाली को आगे बढ़ाया गया. एक ऐसा कर जहां एक मूल्यांकन अधिकारी हो. अधिकतर स्व मूल्यांकन हो और ऑडिट मामलों को छोड़कर केवल सीमित मूल्यांकन हो. जेटली ने कहा कि कर के ऊपर कर लगता है जिससे मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति बढ़ती है. इसलिए सारे देश को एक बाजार बनाने का विचार आया. यह बात आई कि सरल व्यवस्था देश के अंदर लाई जाए.

क्या जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुए की कीमत बढ़ेगी ?

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने जीएसटी सम्मेलन में कहा, "केंद्र व राज्य सरकार को मिलने वाला लगभग 60 फीसदी कर वस्तुओं पर लगने वाले 14 फीसदी मूल्य संवर्धित कर (वैट) तथा 12.5 फीसदी उत्पाद कर से आता है. जीएसटी के लागू होने के बाद इन वस्तुओं की कीमतों में कमी होने की संभावना है."
अधिया ने कहा कि अधिकांश सेवाओं पर मौजूदा 15 फीसदी सेवा कर की जगह जीएसटी के तहत 18 फीसदी कर लगेगा और इनमें से अधिकांश को खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा जिससे लगने वाले कुल कर का आंकड़ा समान रहेगा. उन्होंने कहा, "लगभग 18 फीसदी (सेवा कर) 15 फीसदी के समतुल्य हो जाएगा. सेवा कर में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी. कुछ सेवाओं के लिए कर में मामूली रूप से वृद्धि होगी.
जीएसटी लागू होने पर कंपनियों और व्यापारियों को भी फायदा होगा. सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. जब सामान बनाने की लागत घटेगी तो इससे सामान सस्ता भी होगा।

कैसे काम करेगी जीएसटी ?

जीएसटी में तीन अंग होंगे केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी और इंटीग्रेटेड जीएसटी
केंद्रीय और इंटीग्रेटेड जीएसटी केंद्र लागू करेगा जबकि राज्य जीएसटी राज्य सरकारें लागू करेंगी।

दोस्तो दूसरे शब्दो मे हम ये कह सकते है की जीएसटी के लागू होने से सामानो की कीमत पूरे देश मे एक सा होगा अगर आपने को समान दिल्ली मे 200 रुपए मे लिए तो बिहार मे भी उसकी कीमत 200 रुपए ही होंगे । 
वर्तमान मे उड़ीसा के बाद बिहार दूसरा राज्य है जीएसटी लागू करने मे बाँकी राज्यो मे अगले 1 जुलाई तक लागू हो जाएगी 


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Government e Marketplace in Hindi What is GeM

government e marketplace in hindi

Hello friends अगर आप एक व्यापारी (Businessman) है और किसी उत्पादों की Manufacturing करते है तो भारत सरकार आपके उत्पादों के Buyers (खरीदार) ढूंढने मे आपकी मदद करेगी तो आइये जानते है कैसे जुड़े सरकार के Online E-Marketplace से - 
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आम बजट 2022 की खास बातें Top Points of Union Budget of india 2022 in Hindi

 


हैलो Friends भारत सरकार की तरफ से आज 1 फ़रवरी को आम बजट पेश किया गया हमसे कई लोग आम बजट पूरा तो देख लेते है लेकिन समझ  कुछ नहीं आता तो आइये जानते है क्या क्या हुआ आज इस आम बजट मे -

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e-Way बिल क्या है और कैसे काम करता है What is E way Bill System?

What is E way Bill System?

दोस्तो GST के बाद सरकार ने देश मे नया बिल लागू किया है जिसे E- Way Bill का नाम दिया गया है आइये आज हम चर्चा करेंगे की क्या है ये E-Way Bill

दोस्तो Knowledge Panel समय समय पर आपको कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी देता रहता है इसलिए आप सभी से अनुरोध है की हमारे हर लेख पर अपना सुझाव जरूर दे ताकि हम आपके लिए बेहतर जानकारी ला सकें । 

दोस्तो E-Way Bill System पूरे भारत के कुछ राज्यो मे 1 अप्रेल से लागू हो गया है तो आइये जानते है इसकी पूरी बारीकी को-



E-Way Bill System क्या है?

अगर कोई व्यापारी या अन्य व्यक्ति 50000 ( पचास हजार ) से अधिक के कीमत के समान का सप्लाई दूसरे या अपने ही राज्यो मे करता है तो उसे E–way Bill बनाना होगा ।

दोस्तो समझने वाली वाली बात ये है की आपका समान चाहे वो जीएसटी के दायरे मे आए या ना आए अगर कीमत 50000 से ज्यादा है तो E – Way Bill की जरूरत जरूर पड़ेगी ।




कब से और कहाँ कहाँ लागू होगी E-Way Bill ?

शुरुआत मे ये भारत के 5 राज्यो मे लागू की गई है जिसमे आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, तेलंगाना और उत्त5र प्रदेश मे इंट्रा-स्टेट (Intra State) ई-वे बिल सिस्टतम लागू हो गया है। अब इन राज्यों में 50 हजार रुपए से अधिक कीमत के Goods (समान) की सप्लाई राज्य के अंदर भी करने पर ई-वे बिल बनाना होगा अभी तक इंट्रा-स्टे ट ई-वे बिल सिस्टम केवल कर्नाटक में लागू था।


क्या है इंटर स्टेट (Inter State) और इंट्रा स्टेट (Intra State) ई-वे बिल ?

राज्य के अंदर ही स्टॉक ट्रांसपोर्ट करने के लिए इंट्रा स्टेट ई-वे बिल बनेगा, जबकि एक राज्य से दूसरे राज्य में स्टॉक भेजने या मंगाने के लिए इंटर स्टेट ई-वे बिल बनेगा।

सरकार ने बिल जेनरेशन आसान हो उसके लिए इंटर स्टेट और इंट्रा स्टेट बिल बनाने के फार्मेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। कारोबारी को केवल इंट्रा स्टेट बिल बनाते समय केवल दूरी को बदलना होगा। इसके पहले इंटर स्टेट ई-वे बिल एक अप्रैल 2018 से सरकार लागू कर चुकी है।

इंट्रा स्टेट( Intra State) ई-वे बिल किसे है बनाना?

इंट्रा स्टेट ई-वे बिल 50 हजार रुपए से ज्यासदा का सामान ले जाने वाले अनरजिस्टर्ड कारोबारी, रजिस्टर्ड कारोबारी, डीलर्स और ट्रांसपोर्टर्स को जेनरेट करना होगा।

कहाँ करे E –way Bill का registration ?

आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, तेलंगाना और उत्त?र प्रदेश राज्योंा के कारोबारी, डीलर, इंडस्ट्री  और ट्रान्स्पोर्टर्स के लिए इंट्रा स्टेट ई-वे बिल के तहत रजिस्ट्रे शन की प्रोसेस शुरू हो चुका है। वे ई-वे बिल पोर्टल https://www.ewaybillgst.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रे शन या इनरॉलमेंट करा सकते हैं।

ई-वे बिल की वेबसाइट https://www.ewaybillgst.gov.in पर ही इंट्रा स्टेट ई-वे बिल जेनरेट होगा। इंट्रा स्टेट ई-वे बिल के लिए वही फॉर्म भरना होगा जो इंटर स्टेट ई-वे बिल के लिए भरते हैं। बस डेस्टिनेशन की दूरी और पहुंचाने का टाइम पीरियड कम हो जाएगा। ई-वे बिल जेनरेट करने का तरीका इंटर स्टेट ई-वे बिल की ही तरह होगा। इंटर स्टेट ई-वे बिल की तरह इंट्रा स्टेट ई-वे बिल में इन्वॉइस जेनरेट करने के बाद ट्रांसपोर्ट बिल और फिर ई-वे बिल बनाना होगा।


Unregistered Business Man को भी करना होगा Registration,कैसे? 

जिन कारोबारियों का टर्नओवर 20 लाख रुपए से कम है और जिन्होंने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। अगर वह 50 हजार रुपए से अधिक के गुड्स को राज्य के अंदर सप्लाई करते हैं तो उन्हें भी ई-वे बिल बनाना होगा। इंट्रा स्टेट ई-वे बिल में अनरजिस्टर्ड डीलर को एनरॉलमेंट फॉर्म भरना होगा जिसके बाद उनका रजिस्ट्रेशन होगा। ये फॉर्म ई-वे बिल की वेबसाइट पर है और उन्हें रजिस्ट्रेशन के दौरान ये फॉर्म भरना होगा।


कितनी अवधि के लिए वैलिड होता है यह E – Way Bill ?

यह बिल बनने के बाद कितने दिनों के लिए वैलिड होता है, यह भी निर्धारित है। अगर किसी गुड्स (वस्तु) का मूवमेंट 100 किलोमीटर तक होता है तो यह बिल सिर्फ एक दिन के लिए वैलिड (वैध) होता है।
अगर इसका मूवमेंट 100 से 300 किलोमीटर के बीच होता है तो बिल 3 दिन, 300 से 500 किलोमीटर के लिए 5 दिन, 500 से 1000 किलोमीटर के लिए 10 दिन और 1000 से ज्यादा किलोमीटर के मूवमेंट पर 15 दिन के लिए मान्य होगा।

E-Way-Bill को दरअसल, जीसटी पोर्टल पर पर GST INS-1 Form के रूप में जारी किया जाता है। इसके बाद इसकी जानकारी माल के Supplier, उसके Transporter और Receiver को हो जाएगी



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Bihar Diwas Special


आज भारत के एहम राज्य बिहार Bihar Diwas माना रहा है आज ही के दिन 22 March 1912 को Bihar को बंगाल से अलग किया गया था इसलिए 22 March को Bihar Diwas मनाया जाता है । पहले विहार ,मगध और अंत मे बिहार के नाम से जाने वाला राज्य की जनसंख्या लगभग 10 करोड़ से भी ज्यादा है 75 % लोग खेती करते है 38 जिलो (District) 9 प्रमंडल (Division ) इन 38 जिलों को 101 अनुमंडल (Subdivision) ,534 प्रखंड (Block) ,8471 पंचायत (Panchayat ) ,45103 गावों (Village) मे बांटा गया है प्राचीन काल मे बिहार का नाम शिक्षा जगत मे सबसे ऊपर था नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University ) विक्र्म्शिला विश्वविध्यालय (vikarmshila University ) का नाम पूरी दुनिया मे आज भी लोग जानते है । लेकिन दुर्भाग्यवश आज बिहार शिक्षा मे सबसे पीछे है । 


आज Bihar Diwas पर हम बात करेंगे प्रदेश की सबसे गंभीर समस्या शिक्षा के बारे मे । 
भारत के सबसे पिछड़े राज्य बिहार  के बारे में क्योँकि देश में जब भी शिक्षा की चर्चा होती है तो हम बिहार को नहीं भूल सकते है। 


दोस्तो बिहार (Bihar) भारत का एक ऐसा राज्य है जो शिक्षा के स्तर मे भारत के 38 राज्यो मे सबसे नीचे है आइये इस गंभीर विषय पर एक चर्चा करे और जाने क्यू है बिहार मे शिक्षा का ये हाल ।



दोस्तो Knowledge Panel ने इंटरनेट,अखबारो,टीवी चैनल के माध्यम से ली गई जानकारी को इकठ्ठा कर के आपके लिए एक आर्टिक्ल तैयार किया है । पसंद आए तो इसे Share जरूर कीजिये ताकि सब मिल कर बिहार के शिक्षा को सुधारने मे आगे आए । 

दोस्तो देश मे हमेसा से कुछ अलग तरह की बातों के लिए चर्चा मे रहने वाला राज्य बिहार मे कुल 17 State Universities है जिसमे ( Patliputra University, Bihar Animal Science University ,Purnea university and Munger University जिसे 2016 मे खोली गई ),9 central universities, 2 Deemed universities और 5 Private university है यानि कुल मिला कर 27 विश्वविध्यालय है इसके आलवे अगर हम बात करे Engineering Colleges की तो कुल 4 Central Governments,13 पब्लिक सैक्टर के Governments engineering College और 17 Privet Engineering College है जो हर साल तकरीबन 9000 छात्रो को Engineering की शिक्षा देती है  10 Government medical College 3 Private Medical College साथ ही dental College , Agriculture College, MBA College, MCA College, Art & Fashion, law etc ये सब मिला कर कुल 134 Colleges है बिहार मे ।
इन सब के आलवे अगर हम बात करे निचले स्तर के शिक्षा की अर्थात प्राथमिक मध्यमिक और उच्य स्तर के शिक्षा की तो बिहार मे कुल 71,832 विद्यालय है जिसमे 2 करोड़ 34 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण करने जाते है। दूसरी तरफ हर साल सैकड़ो छात्र IAS,IPS,IFS,CA,IIT जैसे कठिन परीक्षा मे बिहारी छात्र अपना दबदबा बनाए रखते है । देश के अलग अलग हिस्सो के सरकारी और गैर सरकारी विभागो के शीर्ष स्थान मे भी बिहारी छात्रो का वर्चश्व बना रहता है ।

ये तो सब आकड़े को देखने के बाद हमारे मन मे एक ही सवाल उठता है
क्या सच मे ये वही बिहार है ?
पूरे भारत मे सबसे परिश्रमी माने जाने वाले ये बिहारी आज पीछे क्यू है ? 
देश को सबसे ज्यादा IAS देने वाला राज्य आज शिक्षा के क्षेत्र मे सबसे पीछे क्यू है ?  

ये सवाल हर किसी के मन मे उठता है ।

दोस्तो ऊपर दिये आकड़ों को देखने के बाद आप सोचेंगे की सब कुछ तो बिलकुल ठीक है फिर कमी है कहाँ............

कमी है दोस्तो अब आगे आप कुछ आकड़ों देखने के बाद आपको समझ आ जाएगा गलती कहाँ है ।

दोस्तो 1961 से 2011 तक बिहार मे साक्षारता दर कुछ इस प्रकार है
वर्ष
कुल
पुरुष
महिला
1961
21.95
35.85
8.11
1971
23.17
35.86
9.86
1981
32.32
47.11
16.61
1991
37.49
51.37
21.99
2001
47.53
60.32
33.57
2011
63.82
73.39
53.33

आकड़ों को देखे तो बिहार की साक्षारता दर बढ़ी है और सरकार इसके लिए कई तरह के योजना भी लेकर आती रहती है अब देखना ये है की 2021 मे होने वाले जनगणना मे इन आकड़ों मे कितनी बढ़ोतरी होती है ।
वर्तमान समय की बात करे तो बिहार मे शिक्षा जगत कई सारे समस्या से घिरी है यहाँ मांग और आपूर्ति यानि Demand and Supply का तालमेल कुछ अच्छा नहीं है तेजी से बढ़ती जनसंख्या और इतने सारे सुविधाओ के बाबजूद उचयस्तरीय शिक्षा के लिए छात्रो का दूसरे राज्यो मे जाना ये सब शिक्षा के गंभीर समस्या मे से है ।
शिक्षा को आगे बढ़ाने वाले शिक्षक की बात करे सरकार के मुताबिक पूरे बिहार मे तकरीबन 4,67,877 शिक्षक है जो 2 करोड़ 34 लाख छात्रो को पढ़ते है यानि हर 50 छात्रो पर 1 शिक्षक 

अब सबसे चौकने वाली बात ये है की कुल शिक्षक मे तकरीबन 37.8 % शिक्षक स्कूल मे अनुपस्थित रहते है यानि 2,91,019 शिक्षक अक्सर पढ़ाने नहीं जाते जो देश मे ही नहीं विश्व मे अपने आप मे एक अनोखी घटना है । 

दोस्तो अबतक तो आप समझ ही गए होंगे की बिहार की शिक्षा मे कमी कहाँ है । जी हाँ दोस्तो कमी यहाँ की शिक्षा वयवस्था मे है । कमी बिहार सरकार के द्वारा चलाई जा रही शिक्षा योजना पे है ।

इन सब से मतलब साफ है की सरकार को बिहार मे निचले स्तर की पढ़ाई  पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है ।

शिक्षा के क्षेत्र मे कुछ जरूरी और ध्यान देने वाले तथ्य अक्सर बिहार को लेकर देश के सामने आती है..
  • साल 2017 मे आए बिहार बोर्ड 12वी का परिणाम आपको चौका देगा जिसमे 70% छात्र फ़ेल हो गए ! इतने खराब रिज़ल्ट का कारण
  • साल 2016 मे बिहार बोर्ड के  Toppers घोटालो को पूरा देश जानता है जिसमे सभी Faculty मे Top किए छात्र शिक्षा के सबसे बारे घोटाले का शिकार हुए जिसने बिहार शिक्षा व्यवस्था  को हिला के रख दिया ।
  • Toppers घोटाले के बाद सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुये Bihar Education Board मे भारी फेरबदल किया ।
  • इतने फेरबदल के बाद भी साल 2017 मे फिर Topers मे घोटाले की बात सामने आ रही है  जिसमे 12 कक्षा के आर्ट्स Topers गणेश कुमार पर इंल्ज़ाम लगा की वे बिहार बोर्ड के साथ मिल कर अपनी उम्र छिपा कर परीक्षा दी  है और छानबीन मे ये सामने आया की इस प्रक्रिया मे शिक्षा विभाग के बारे अधिकारी शामिल है ।
  • इसके आलवे 2017 के आए 12वी के परिणाम मे कुछ ऐसे छात्र भी है जिन्होने ने आईआईटी जैसे कठिन परीक्षा पास की है लेकिन बिहार बोर्ड के 12वी के परिणाम ने उन्हे फ़ेल कर दिया वो भी किसी विषय मे 0 अंक आने के कारण ।
उपर्युक तथ्यो से ये साफ है की बिहार शिक्षा की पूरी सिस्टम ही खराब है और ये बिहार के के लिए गंभीर समस्या का विषय है  ।
इस खराब सिस्टम को सुधारने के लिए राज्य सरकार को कुछ कड़े फैसले लेने होंगे ।
  • सबसे पहले बिहार मे  शिक्षक की 9 लाख खाली पदो पर अनुभवी और प्रतिभाशील शिक्षक की बहाली करनी होगी ।
  • वर्तमान मे बहाल शिक्षक बच्चो को किस प्रकार की शिक्षा दे रहे है इसकी बराबर जांच होनी चाहिए
  • शिक्षक का वेतन उसके डिग्री पर नहीं बल्कि उसके शिक्षा शैली पर देनी चाहिए ।
  • शिक्षक का कार्यकाल घाटा कर इतनी करनी चाहिए की ताकि शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए नए पीढ़ी अपना योगदान दे सके । क्योकि वर्तमान मे स्कूल मे कुछ ऐसे शिक्षक भी कार्यरत है जो कई सालो से एक ही तरह के ज्ञान बच्चो को दे रहे है न उन्हे वर्तमान घटनाओ का ज्ञान है न वे उस लायक है की अपनी ज्ञान बढ़ा सके ।
  • बिहार मे कुछ स्कूल के पास प्रायप्त बिल्डिंग नहीं है जहां बच्चे ठीक से पढ़ाई कर सके ,निजी स्कूल मे दी जाने वाली सुविधा से ज्यादा सुविधा सरकार बच्चो को दे सकती है इस बात पर सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए ।


बिहार का भविष्य बिहार के शिक्षक के हाथ मे उन्हे आगे आकर खुद इसका पहल करना होगा तभी वो सच्चे शिक्षक कहलाएंगे ।
  • शिक्षक को अगर वेतन नहीं मिलता तो पूरे प्रदेश मे आंदोलन और हड़ताल होता है लेकिन जरा सोचिए अगर छात्र अपने लिए आंदोलन और हड़ताल करे तो क्या होगा !
  • जितने आंदोलन और हड़ताल शिक्षक वेतन पाने के लिए करते है अगर थोड़ा भी आंदोलन हड़ताल बच्चो के भविष्य के लिए दे तो शायद सरकार वेतन देने मे कोताही नहीं बरतेगी ।
  • बिहार का भविष्य बिहार के शिक्षक के हाथो मे है दोस्तो अगर आप एक शिक्षक और सच्चे बिहारी है तो खुद को आगे लाइए और बिहार का नाम शिक्षा मे आगे बढ़ाइए ।

Written By- Angesh Upadhyay
Sources- Google



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