Showing posts with label Most knowledgeable. Show all posts
Showing posts with label Most knowledgeable. Show all posts

आर्टिकल 371 क्या है ? Article 371 in Hindi What is Article 371 ?

Article 371 in Hindi
Hello friends आप तो जानते ही है की भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 और अनुच्छेद 35A को निरस्त कर दिया है ,ऐसे मे अब अगर आप जम्मू कश्मीर मे खुद की जमीन खरीदना चाह रहे है तो अब ये मुमकिन है की आप अपना आशियाना वहाँ बना सकते है जबकि धारा 370 के लागू होने के बाद भारत का कोई भी नागरिक जम्मू कश्मीर मे जमीन नहीं ले सकता था ।

लेकिन भारत मे अब भी कैसे ऐसे राज्य है जहां धारा 370 लागू नहीं है लेकिन फिर भी देश का कोई भी नागरिक इन राज्यों मे खुद की जमीन नहीं खरीद सकता है और ऐसा इसलिए है क्यूंकि इन राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा हासिल है और यहाँ धारा 371 लागू है ।

तो आइए जानते है ऐसे कौन कौन से राज्य है? और क्या होता है विशेष राज्य का दर्जा? और जानिए क्या है धारा 371(अनुच्छेद 371) ?

Knowledge panel पे विस्तृत रूप से ये सारी जानकारी आपको दी जाएंगी अगर आपके पास इससे जुड़े कोई सवाल या सुझाव है तो comment बॉक्स मे हमे बताएं ।

धारा 371 क्या है ?
What is Article 371 ?

भारत मे कई ऐसे राज्य है जिन्हे कई विशेष अधिकार प्राप्त है जिसके तहत केंद्र सरकार उन राज्यों के विकास,सुरक्षा एवं सेवाओ आदि के लिए विशेष पैकेज एवं अनुदान देती रहती है दूसरी शब्दो मे यूं कहे की ये राज्य,केंद्र सरकार के विशेष संरक्षण मे रहती है और केंद्र सरकार ये सभी दायित्वों को भारत की सविधान के 21वें भाग मे अस्थाई रूप से लिखित अनुच्छेद 371 के तहत करती है । 


किन राज्यों मे लागू है अनुच्छेद 371 ?

भारत के 11 राज्यों मे ये धारा लागू की गई है जिसे 11 अलग अलग भागों मे बांटा गया है जिसमे अनुच्छेद 371 ,371A, 371B, 371C, 371D, 371E, 371F, 371G, 371H, 371I, 371J शामिल है । और इन राज्यों जैसे महाराष्ट्र और गुजरात नागालैंड असम आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सिक्किम मिजोरम अरुणाचल प्रदेश गोवा कर्नाटक मे ये लागू की गई है । 


जानिए इन सभी भागों की विस्तृत जानकारी 

अनुच्छेद 371 

संविधान का अनुच्छेद 371 महाराष्ट्र और गुजरात (Maharashtrya and Gujrat) राज्य के लिए है। इसके मुताबिक इन राज्यों के राज्यपाल की यह जिम्मेदारी है कि महाराष्ट्र में विदर्भ, मराठवाडा और शेष महाराष्ट्र के लिए और गुजरात में सौराष्ट्र और कच्छ के इलाके के लिए अलग Development Board (विकास बोर्ड) बनाए जाएंगे,इन बोर्डों का काम इन इलाकों के Developments के लिए एक समान राजस्व का वितरण होगा।  साथ ही राज्य सरकार के अंतर्गत technical education (तकनीकी शिक्षा), रोजगारपरक शिक्षा और रोजगार के मौके प्रदान करने की जिम्मेदारी भी इन बोर्ड के ऊपर ही होगी। 


Click Here - जानिए क्या है अनुच्छेद 370 और 35 A 

अनुच्छेद 371A

ये अनुच्छेद भारत के नागालैंड (Nagaland) राज्य मे लागू है जिसके अनुसार नागालैंड के जमीन पर नागा वासियों का मालिकाना हक हैऔर इससे जुड़े कानून पर केंद्र सरकार का कोई हक नहीं है इसके अलावा नागालैंड के पारंपरिक नियमों ,सामाजिक और धार्मिक रीतिरिवाज,फ़ौजदारी और दीवानी न्याय व्यवस्था पर केंद्र सरकारी कोई कानून नहीं ला सकती जब तक नागालैंड के विधानसभा सदन इस पर फैसला ना सुना दे । इसी अनुच्छेद के तहत नागालैंड के तुएनसांग जिले को भी विशेष दर्जा मिला है, नागालैंड सरकार में तुएनसांग जिले के लिए एक अलग मंत्री भी बनाया जाता है,साथ ही इस जिले के लिए एक 35 सदस्यों वाली स्थानीय काउंसिल बनाई जाती है। 


अनुच्छेद 371 B 

यह अनुच्छेद असम (Assam) के लिए है,इसके मुताबिक भारत के राष्ट्रपति राज्य विधानसभा की आदिवासी इलाकों से चुन कर आए विधानसभा सदस्य समितियों के गठन कर वहाँ विकास कार्यो मे प्रेरित करेंगे जो कार्यों का सारा लेखा जोखा राष्ट्रपति को देंगे । 


अनुच्छेद 371 C

यह अनुच्छेद मणिपुर (Manipur )के लिए है, इसके मुताबिक भारत के राष्ट्रपति विधानसभा में राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों से निर्वाचित सदस्यों की एक समिति का गठन और कार्य करने की शक्ति प्रदान कर सकते हैं, और इसके काम को सुनिश्चित करने के लिए राज्यपाल को विशेष जिम्मेदारी सौंप सकते हैं। राज्यपाल को इस विषय पर हर साल एक रिपोर्ट राष्ट्रपति के पास भेजनी होती है। 


अनुच्छेद 371 D 

इस अनुच्छेद को 32वें संशोधन के बाद 1973 में जोड़ा गया जो पहले सिर्फ आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh )के लिए था, लेकिन 2014 में आंध्र प्रदेश के दो हिस्से करने के बाद ये अनुच्छेद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए लागू हुआ। इसके अंतर्गत इन राज्यों के लिए राष्ट्रपति के पास यह अधिकार होता है कि वह राज्य सरकार को आदेश दे कि किस नियुक्ति मे किस वर्ग के लोगों को नौकरी दी जाय , इसी तरह शिक्षण संस्थानों में भी राज्य के लोगों को बराबर हिस्सेदारी या आरक्षण मिलता है,राष्ट्रपति नागरिक सेवाओं से जुड़े पदों पर नियुक्ति से संबंधित मामलों को निपटाने के लिए हाईकोर्ट से अलग ट्रिब्यूनल बना सकते हैं। 


अनुच्छेद 371 E 

इसके तहत तहत केंद्र सरकार संसद में कानून बनाकर आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh ) में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना करेगी। ये अनुच्छेद समय के साथ अप्रसांगिक हो गया है यानि इसे हटा दिया गया । 


अनुच्छेद 371 F 

इस अनुच्छेद को संविधान में 36वें संशोधन के बाद 1975 में जोड़ा गया  जो सिक्किम (Sikkim) राज्य के लिए लागू की गई जिसके तहत राज्य के विधानसभा के प्रतिनिधि मिलकर एक ऐसा प्रतिनिधि चुन सकते हैं जो राज्य के विभिन्न वर्गों के लोगों के अधिकारों और रुचियों का ख्याल रखेंगे,संसद विधानसभा में कुछ सीटें तय कर सकता है, जिसमें विभिन्न वर्गों के ही लोग चुनकर आएंगे,राज्यपाल के पास विशेष अधिकार होते हैं जिसके तहत वे सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए बराबर व्यवस्थाएं किए जा सकें,साथ ही राज्य के विभिन्न वर्गों के विकास के लिए प्रयास करेंगे,राज्यपाल के फैसले पर किसी भी कोर्ट में अपील नहीं की जा सकेगी। इसके अलावा भारत के सभी कानून भी सिक्किम में लागू होंगे। 


अनुच्छेद 371 G 

1986 में किए गए संविधान के 53वें संशोधन के बाद मिजोरम (Mijoram )के लिए अनुच्छेद 371 G को जोड़ा गया जिसके अंतर्गत भारतीय संसद मिजोरम विधानसभा के अनुमति के बगैर मिजोरम मे कोई भी कानून पास नहीं करवा सकती । 


अनुच्छेद 371 H 

1986 में 55वें संविधान संशोधन के बाद अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh ) के लिए यह अनुच्छेद जोड़ा गया। जिसके अनुसार अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल के पास कानून व्यवस्था से जुड़े मसलों पर मंत्रिमंडल से चर्चा करने के बाद अपने विवेकानुसार फैसले लेने का अधिकार होगा,अगर कानून व्यवस्था के किसी मुद्दे पर राज्यपाल और सरकार में मतभेद होंगे तो राज्यपाल का निर्णय ही मान्य होगा। 


अनुच्छेद 371 I 

यह अनुच्छेद गोवा (Goa) राज्य के लिए बनाया गया कानून था। गोवा आकार में बेहद छोटा था इसलिए इस अनुच्छेद के मुताबिक गोवा की विधानसभा को कम से कम 30 सदस्यों की विधानसभा बनाने का नियम बनाया गया, हालांकि ये भी समय के साथ निरस्त हो गया है।


अनुच्छेद 371 J 

2012 में संविधान में किए गए 98वें संशोधन के बाद कर्नाटक (Karnataka )के लिए यह अनुच्छेद बनाया गया। यह अनुच्छेद 371 से मिलता जुलता नियम है,इसके मुताबिक कर्नाटक में हैदराबाद-कर्नाटक के इलाके के लिए एक अलग विकास बोर्ड बनेगा जो हर साल राज्य विधानसभा को अपनी रिपोर्ट देगा। साथ ही यह विकास बोर्ड इलाके के विकास के लिए मिलने वाले राजस्व का वितरण भी समान तौर पर करेगा।  साथ ही इलाके के लोगों के लिए शिक्षा और रोजगार के समान मौके प्रदान करेगा। यह बोर्ड किसी भी सरकारी नौकरी में इस इलाके के लोगों के लिए एक अनुपात में आरक्षण की मांग भी कर सकता है और यह व्यवस्था इस इलाके में पैदा हुए लोगों के लिए ही होगी। 


Click Here - जानिए क्या हुआ कश्मीर का हाल अनुच्छेद 371 हटने के बाद  

उपर्युक्त सभी अनुच्छेद मे बताए गए कुछ नियमो को समय के साथ कुछ बदलाव भी किए गए है लेकिन भारत के उत्तर पूर्व राज्यों मे पारंपरिक रीतिरिवाजों के लिए बनाए गए नियम आज भी लागू है जहां आप वहाँ रहने वाले जनजातियों के संपत्ति और उनके अधिकारों के खिलाफ नहीं जा सकते । 

दूसरे शब्दों मे ये कहा जा सकता है की अगर आप इन राज्यों मे रहने का ख्याल बना रहें है तो आपको इन अनुच्छेदों का पालन करना होगा और आपको किराए के मकान मे ही रहना होगा क्योंकि इनमे से किसी राज्यों मे आपको जमीन नहीं मिलेगी । 


आपको ये Article कैसा लगा हमे Comment Box मे जरूर बताए । हमे उम्मीद है बताई गई जानकारी आपके लिए बेहतर और Helpful होगी ऐसे ही Knowledgeable और Interesting Hindi Article पढ़ने के लिए Visit करे www.knowledgepanel.in.



Share:

इंटरनेट पर कैसे पाएँ फ्री सेवा : Free Services from Internet


दोस्तो इंटरनेट कि दुनियाँ मे कई जानकारी ऐसी भी जो बिल्कुल Free मे उप्लब्द है जहाँ से आप बहुत सारी जानकारी और सामग्री जुटा सकते है यहाँ आप फ़िल्म ,Software, E-books आदि download कर सकते है
Share:

What will happen after the withdrawal of Act 370 and 35A for Jammu and Kashmir.

What will happen after the withdrawal of Act 370 and 35A for Jammu and Kashmir.

Hello friends बीते कुछ दिनों से एक मुद्दा को काफी चर्चित है वो है भारत सरकार के द्वारा जम्मू और कश्मीर से धारा 370 और 35A को हटा दिये जाने का । knowledge Panel की पिछली आर्टिक्ल मे अपने धारा 370 और 35 A के बारे मे पढ़ा होगा नहीं पढ़ा तो नीचे दिये लिंक के द्वारा आप उस पोस्ट तक जा सकते है -

इस आर्टिक्ल मे आप जानेंगे की कश्मीर से 370 और 35A के हट जाने के बाद क्या होगा। हमे उम्मीद है आप इसे पूरा जरूर पढ़ेंगे ।

भारत मे कुल 29 राज्य है और 7 केंद्रशासित राज्य है इन राज्यों मे कुछ राज्य अत्यंत पिछड़े है तो कुछ अत्यंत विकसित है । भारत के इन सभी राज्यों को विकसित बनाने के लिए भारतीय संविधान मे कई सारे नियम और कानून बनाए गए है ।


अगर वर्तमान स्थिति की बात करें तो वर्तमान मे भारत सरकार ने भारत के सबसे खूबसूरत हिस्सा जम्मू और कश्मीर मे धारा 370 हटा कर उसे पूर्णत भारत मे शामिल करने का फैसला कर लिया है और इसे केंद्रशासित राज्य बनाने की घोषणा की गई है और साथ ही साथ लद्दाख जो पहले जम्मू और कश्मीर का हिस्सा था उसे एक अलग राज्य का दर्जा देने की भी घोषणा की गई है ,इस प्रकार भारत के अब 29 राज्य और 8 केंद्रशासित राज्य हो गए है ।


जम्मू और कश्मीर से धारा 370 और 35A के हट जाने के बाद क्या होगा।
What will happen after the withdrawal of Act 370 and 35A for Jammu and Kashmir.



  • 370 को हटा कर कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के साथ ही भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान अब कश्मीर को अपना हिस्सा नहीं कह पाएगा। 
  • कोई special powers (खास अधिकार ) प्राप्त नहीं होंगे 
  • कश्मीर का अपना झण्डा नहीं होगा 
  • कश्मीर मे रहने वाले नागरिकों को दोहरी नागरिकता प्राप्त नहीं होगी वो अब सिर्फ भारतीय कहलाएंगे । 
  • भारत को कोई भी नागरिक अब कश्मीर मे अपनी जमीन खरीद पाएगा 
  • हिन्दू और सिखों के लिए 16% का आरक्षण लागू होगा । 
  • RTI (सूचना का अधिकार) कानून लागू होगा जिसके तहत J&K (जम्मू और कश्मीर )के नागरिक को कोई भी सरकारी और गैर सरकारी सूचना पाने का अधिकार होगा । 
  • जम्मू कश्मीर की महिला अब देश के किसी भी राज्य मे शादी कर पाएंगे । 
  • RTE (शिक्षा लेने का अधिकार) कानून लागू जिसके तहत अब J&K के बच्चे और नौजवान कहीं भी शिक्षा ले पाएंगे । 
  • पंचायत को फैसला करने का पूरा अधिकार प्राप्त होगा । 
  • देश के बढ़े निवेशक J&K मे निवेश कर सकेंगे जिससे प्रदेश का विकास होगा । 
  • विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्षो का होगा । 
  • धारा 370 हटाने के बाद अब कश्‍मीर के लोग सिर्फ भारतीय नागरिक हैं. अगर कोई पाकिस्‍तानी भारतीय नागरिकता लेना चाहता है तो उसे पूरी प्रक्रिया से गुजरना होगा। 
  • अब जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में भी भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश मान्‍य होंगे । 
withdrawal of Act 370 and 35A for Jammu and Kashmir.

आपको ये Article कैसा लगा हमे Comment Box मे जरूर बताए । हमे उम्मीद है बताई गई जानकारी आपके लिए बेहतर और Helpful होगी ऐसे ही Knowledgeable और Interesting Hindi Article पढ़ने के लिए Visit करे www.knowledgepanel.in.



Share:

ए पी जे अब्दुल कलाम के बारे मे जानिए रोचक तथ्य : Interesting Facts About A P J Abdul Kalam


Dr. A P J Abdul Kalam 

दोस्तो डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम एक ऐसा नाम जो भारत के हर नागरिक बड़े शान से लेता है हमे गर्व है की अब्दुल कमाल हमारे का जन्म हमारे देश मे हुआ ।

दोस्तो उनके जीवन के बारे मे तो हर कोई जानना चाहता है हर कोई उनके तरह बनना चाहता है । आज मैं आपको बताऊंगा डॉ अब्दुल कलाम के जीवन की कुछ रोचक जानकारी जिसे पढ़ कर आपको गर्व होगा और सायद आप इन्हे अपने जीवन मे ग्रहण भी करने लगे । और कलाम साहेब के लिए सम्मान और बढ़ जाए और हमे नाज होने लगेगा अपने भारतीय होने पर हमे गर्व होगा के हम उस देश मे रहते है जहां कलाम जैसे महान रहते है । 

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का  भारत के अंतरिक्ष और रक्षा विभाग के लिए किए गए योगदान को, किसी भी विश्लेषण द्वारा समझाया नहीं जा सकता। इनके इस अतुलनीय योगदान के कारण ही  इन्हें मिसाइल मैन (Missile Man of India) के नाम से भी जाना जाता है। विज्ञान की दुनिया में चमत्कारिक प्रदर्शन के कारण ही डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के लिए राष्ट्रपति भवन के द्वार स्वत: ही खुल गए थे। और हम उन्हे भारत के पूर्व राष्ट्रपति के रूप मे भी जानते है ।
उनेक जीवन के कुछ अति शोभनीय तथ्य कुछ इस प्रकार है –
Share:

What is Act 370 and 35 A? read Details in hindi


धरती का स्वर्ग कहे जाने वाला भारत की खूबसरत राज्य जम्मू कश्मीर पुरे दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए  मशहूर है हर कोई रहना चाहता है इस शहर में लेकिन हर कोई नहीं रह सकता इस खूबसूरत शहर में तो आइये जानते है क्या आप रह सकते है अपने ही देश भारत के इस खूबसूरत शहर में ?


भारतीय संविधान में अपना विशेष स्थान रखने वाला यह राज्य का अपना कानून है आइये जानते है कुछ महत्वपूर्ण नियम,धाराएं ,एक्ट जो जम्मू कश्मीर में लागु है। इन्हीं नियमो और धारा में एक धारा है 370 और 35 A जो भारत पाकिस्तान के बंटवारे के बाद लागू की गई



क्या है धारा 370? जानिए इसकी विस्तृत जानकारी


  1. जम्मू कश्मीर को इस धारा के अंतर्गत कुछ विशेष दर्जा प्राप्त है जो भारत के बांकी राज्यो को नहीं है ।
  2. जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है।
  3. जम्मू-कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जायेगी। इसके विपरीत यदि वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जायेगी।
  4. जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का यहां कोई महत्व नहीं है ।
  5. जम्मू-कश्मीर के अन्दर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है।
  6. कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है। इस कानून के अंतर्गत महिलाओ को कोई विशेष अधिकार नहीं प्राप्त है । इस कानून के अंतर्गत मुसलमानों के घरेलू, पारिवारिक, उसमें भी खासकर शादी, तलाक, बच्चों से संबंधित मामलों और पति-पत्नी, माता-पिता के बीच सभी मामलों का शरीयत कानून के हिसाब से ही समाधान निकाला जाता है। भारतीय कानून उसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता। इस्लामिक समाज इसी शरीयत कानून या शरीया कानून के हिसाब से चलता है। 
  7. कश्मीर में पंचायत को अधिकार प्राप्त नहीं है।
  8. जम्मू - कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
  9. भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।
  10. भारत की संसद को जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है।
  11. धारा 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई (RTI) और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते है।
  12. कश्मीर में चपरासी को 2500 रूपये ही मिलते है।
  13. कश्मीर में अल्पसंख्यकों [हिन्दू-सिख] को 16% आरक्षण नहीं मिलता।
  14. धारा 370 की वजह से कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं।
  15. धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है।
  16. धारा 370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से सम्बन्धित क़ानून को लागू करवाने के लिये केन्द्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिये।
  17. इसी विशेष दर्ज़े के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती। इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्ख़ास्त करने का अधिकार नहीं है।
  18. 1976 का शहरी भूमि क़ानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता। इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि ख़रीदने का अधिकार है। यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में ज़मीन नहीं ख़रीद सकते। लेकिन अगर वहाँ के निवासी किसी अन्य राज्यो मे जमीन लेना चाहे तो वो धारा 370 के तहत निजी कार्य के लिए जमीन ले सकता है । 
  19. भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती।

कैसे शुरुआत हुई इस धारा की ?

आजादी से पहले पाकिस्तान और भारत दोनों एक थे लेकिन जब पाकिस्तान और हिंदुस्तान का बटवारा हुआ तो उस दौरान जम्मू कश्मीर की सत्ता राजा हरीसिंह के हाथ मे थी वो कश्मीर का पूर्ण रुपेण स्वतंत्रा चाहते थे लेकिन उसी दौरान पाकिस्तानी देश के समर्थक कालीबाइ ने जम्मू कश्मीर पर भरी आक्रमण कर दिया और राजा के सामने प्रस्ताव रखा की वो पाकिस्तान मे शामिल हो जाए । उस दौरान ही भारतीय संविधान सभा मे गोपालस्वामी अयांगर ने धारा 306 A को पेश किया जो बाद मे 370 मे तब्दील हो गई और 26 जनवरी 1957 को इस विशेष धारा को लागू कर दिया गया जिसके साथ ही जम्मू कश्मीर को भारत के अन्य राज्यो के अपेक्षा अलग अधिकार प्राप्त हुये । 


अब जानिए क्या है धारा 35 A?



  • यह धारा 370 का ही हिस्सा है जिसे अनुच्छेद 35A कहा गया है जिसे भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद 14 मई 1954 को लागू किया था। इस आदेश के राष्ट्रपति द्वारा पारित किए जाने के बाद भारत के संविधान में इसे जोड़ दिया गया।इस धारा के तहत जम्मू-कश्मीर के अलावा भारत के किसी भी राज्य का नागरिक जम्मू-कश्मीर में कोई संपत्ति नहीं खरीद सकता इसके साथ ही वहां का नागरिक भी नहीं बन सकता। 
  • इस संविधान के मुताबिक स्थायी नागरिक वो व्यक्ति है जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो या फिर उससे पहले के 10 वर्षों से राज्य में रह रहा हो. साथ ही उसने वहां संपत्ति हासिल की हो। 
  • अनुच्छेद 35A से जम्मू-कश्मीर सरकार और वहां की विधानसभा को स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार मिलता है. इसका मतलब है कि राज्य सरकार को ये अधिकार है कि वो आजादी के वक्त दूसरी जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में किस तरह की सहूलियतें दे अथवा नहीं दे। 
  • अनुच्छेद 35A के मुताबिक अगर जम्मू-कश्मीर की कोई लड़की किसी बाहर के लड़के से शादी कर लेती है तो उसके सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं. साथ ही उसके बच्चों के अधिकार भी खत्म हो जाते हैं। 


यानि अगर आप धरती के जन्नत मे रहना चाहते है तो आपको 10 वर्ष पहले जाकर फिर से जन्म लेना होगा जो संभव नहीं है । 


दोस्तो बीते कुछ दिनों से सभी राजनीतिक दलों ने इसे हटाने की बात कर रही है आइये जानते है क्यौ हटाया जा रहा है इस अनुच्छेद को । 



क्यों हटाया जा रहा है? 


इसे खत्म करने की बात इसलिए हो रही है क्योंकि इस अनुच्छेद को संसद के जरिए लागू नहीं किया गया है, दूसरा कारण ये है कि इस अनुच्छेद के ही कारण पाकिस्तान से आए शरणार्थी आज भी राज्य के मौलिक अधिकार और अपनी पहचान से वंचित हैं।

शायद इसीलिए कश्मीर मे पाकिस्तानियों ने अपना अधिकार आसानी से जमा लिया है ।  



Click and Read - End of Article 370 and 35A 




Also Subscribe Our YouTube Channel-  Click and Subscribe

ये जानकारी आपको कैसी लगी अपना जरूरी सुझाव या आपके पास हो कोई जरूरी जानकारी तो आप भी हमारे जरिये अपनी जानकारी साझा कर सकते है Like, Comment और share करना न भूले इससे हमे और भी बेहतर आर्टिक्ल लिखने की प्रेरणा मिलेगी । अपना जरुरी सुझाव और ऐसी जानकारी आप जानना चाहते है हमें knowledgepanel123 @gmail.com पर भेजें।
Information Sources - Google,News and Books 



Share:

शेयर मार्केट क्या है ?जानिए सेंसेक्स एनएफ़टी बीएसई के बारे मे share market kya hai in Hindi Sensex,BSE,NSE and Nifty

share market kya ha

Hello friends अक्सर आप अखबारो news Channels और social Media के जरिये share Market मे उछाल के बारे मे सुनते होंगे की Sensex मे आज इतने अंक की गिरावट आई इतने अंक मे बढ़ोतरी हुई बीएसई (BSE),एनएसई (NSE), निफ्टी Nifty मे भी गिरावट दर्ज की गई।
Share:

आसमानी बिजली कैसे गिरती है What is Sky Lighting Thunder kya hai janiye


बारिश का मौसम,प्रकृति का ऐसा रूप जो कभी बेहद खूबसूरत लगता है तो कभी भयावह,हमे हर वर्ष प्रकृति का ये रूप देखने को मिलता है इस दौरान निचले इलाके मे अत्यधिक बारिश बाढ़ (Flood) का रूप लेती है तो कही बिजली गिरने की घटना कई लोगों की जान ले लेती है । बाढ़ आने का कारण तो हम सब जानते है और इससे आप खुद को बचा भी सकते है लेकिन बारिश की बिजली जिसे आसमानी बिजली या बज्रपात, ठनका ,तड़का भी कहते है,अगर आप इसके चपेट मे आ गए तो आपका बच पाना नामुमकिन है । 

तो आइये बेहद आसान और सरल भाषा मे जानते है और समझते है की बज्रपात क्या है ? क्यूँ गिरती है ? कैसे बनती है ये आसमानी बिजली ? इन्सानों के लिए ये कितना खतरनाक है ? कैसे करे इससे बचाव ? इस Article मे आपको इन सभी सवालो के जवाब सरल तरीके से मिलेगी ।

Share:

Unforgettable Memories of India Top Memories of 2019

Hello friends कैसे हो आप,उम्मीद करता हूँ आप जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश मे लगे होंगे लेकिन हर पल हर वक़्त आपके दिल मे एक ही ख्याल आता होगा की थोड़ा और बेहतर हो जाता तो अच्छा होता इसी इंतजार और चाहत मे हम सब ज़िंदगी जीते रहते है और वक़्त को पीछे छोड़ते रहते है और वक़्त कैसे गुजर जाता है हमे पता ही नहीं चलता।
unforgettable memories

बीते वक़्त मे खोने और पाने का सिलसिला जारी रहता है इसी दौरान हम ऐसे नगीने को खो देते है जिसे हम हमेशा सुनना देखना और महसूस करना पसंद करते है,आइये जानते है ऐसे ही कुछ प्रसिद्ध,खास और बेहतरीन व्यक्तित्व के धनी शखासियत के बारे मे जिन्हे हमने वर्ष 2019 मे हमेशा के लिए खो दिया ।

Share:

e-Way बिल क्या है और कैसे काम करता है What is E way Bill System?

What is E way Bill System?

दोस्तो GST के बाद सरकार ने देश मे नया बिल लागू किया है जिसे E- Way Bill का नाम दिया गया है आइये आज हम चर्चा करेंगे की क्या है ये E-Way Bill

दोस्तो Knowledge Panel समय समय पर आपको कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी देता रहता है इसलिए आप सभी से अनुरोध है की हमारे हर लेख पर अपना सुझाव जरूर दे ताकि हम आपके लिए बेहतर जानकारी ला सकें । 

दोस्तो E-Way Bill System पूरे भारत के कुछ राज्यो मे 1 अप्रेल से लागू हो गया है तो आइये जानते है इसकी पूरी बारीकी को-



E-Way Bill System क्या है?

अगर कोई व्यापारी या अन्य व्यक्ति 50000 ( पचास हजार ) से अधिक के कीमत के समान का सप्लाई दूसरे या अपने ही राज्यो मे करता है तो उसे E–way Bill बनाना होगा ।

दोस्तो समझने वाली वाली बात ये है की आपका समान चाहे वो जीएसटी के दायरे मे आए या ना आए अगर कीमत 50000 से ज्यादा है तो E – Way Bill की जरूरत जरूर पड़ेगी ।




कब से और कहाँ कहाँ लागू होगी E-Way Bill ?

शुरुआत मे ये भारत के 5 राज्यो मे लागू की गई है जिसमे आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, तेलंगाना और उत्त5र प्रदेश मे इंट्रा-स्टेट (Intra State) ई-वे बिल सिस्टतम लागू हो गया है। अब इन राज्यों में 50 हजार रुपए से अधिक कीमत के Goods (समान) की सप्लाई राज्य के अंदर भी करने पर ई-वे बिल बनाना होगा अभी तक इंट्रा-स्टे ट ई-वे बिल सिस्टम केवल कर्नाटक में लागू था।


क्या है इंटर स्टेट (Inter State) और इंट्रा स्टेट (Intra State) ई-वे बिल ?

राज्य के अंदर ही स्टॉक ट्रांसपोर्ट करने के लिए इंट्रा स्टेट ई-वे बिल बनेगा, जबकि एक राज्य से दूसरे राज्य में स्टॉक भेजने या मंगाने के लिए इंटर स्टेट ई-वे बिल बनेगा।

सरकार ने बिल जेनरेशन आसान हो उसके लिए इंटर स्टेट और इंट्रा स्टेट बिल बनाने के फार्मेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। कारोबारी को केवल इंट्रा स्टेट बिल बनाते समय केवल दूरी को बदलना होगा। इसके पहले इंटर स्टेट ई-वे बिल एक अप्रैल 2018 से सरकार लागू कर चुकी है।

इंट्रा स्टेट( Intra State) ई-वे बिल किसे है बनाना?

इंट्रा स्टेट ई-वे बिल 50 हजार रुपए से ज्यासदा का सामान ले जाने वाले अनरजिस्टर्ड कारोबारी, रजिस्टर्ड कारोबारी, डीलर्स और ट्रांसपोर्टर्स को जेनरेट करना होगा।

कहाँ करे E –way Bill का registration ?

आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, तेलंगाना और उत्त?र प्रदेश राज्योंा के कारोबारी, डीलर, इंडस्ट्री  और ट्रान्स्पोर्टर्स के लिए इंट्रा स्टेट ई-वे बिल के तहत रजिस्ट्रे शन की प्रोसेस शुरू हो चुका है। वे ई-वे बिल पोर्टल https://www.ewaybillgst.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रे शन या इनरॉलमेंट करा सकते हैं।

ई-वे बिल की वेबसाइट https://www.ewaybillgst.gov.in पर ही इंट्रा स्टेट ई-वे बिल जेनरेट होगा। इंट्रा स्टेट ई-वे बिल के लिए वही फॉर्म भरना होगा जो इंटर स्टेट ई-वे बिल के लिए भरते हैं। बस डेस्टिनेशन की दूरी और पहुंचाने का टाइम पीरियड कम हो जाएगा। ई-वे बिल जेनरेट करने का तरीका इंटर स्टेट ई-वे बिल की ही तरह होगा। इंटर स्टेट ई-वे बिल की तरह इंट्रा स्टेट ई-वे बिल में इन्वॉइस जेनरेट करने के बाद ट्रांसपोर्ट बिल और फिर ई-वे बिल बनाना होगा।


Unregistered Business Man को भी करना होगा Registration,कैसे? 

जिन कारोबारियों का टर्नओवर 20 लाख रुपए से कम है और जिन्होंने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। अगर वह 50 हजार रुपए से अधिक के गुड्स को राज्य के अंदर सप्लाई करते हैं तो उन्हें भी ई-वे बिल बनाना होगा। इंट्रा स्टेट ई-वे बिल में अनरजिस्टर्ड डीलर को एनरॉलमेंट फॉर्म भरना होगा जिसके बाद उनका रजिस्ट्रेशन होगा। ये फॉर्म ई-वे बिल की वेबसाइट पर है और उन्हें रजिस्ट्रेशन के दौरान ये फॉर्म भरना होगा।


कितनी अवधि के लिए वैलिड होता है यह E – Way Bill ?

यह बिल बनने के बाद कितने दिनों के लिए वैलिड होता है, यह भी निर्धारित है। अगर किसी गुड्स (वस्तु) का मूवमेंट 100 किलोमीटर तक होता है तो यह बिल सिर्फ एक दिन के लिए वैलिड (वैध) होता है।
अगर इसका मूवमेंट 100 से 300 किलोमीटर के बीच होता है तो बिल 3 दिन, 300 से 500 किलोमीटर के लिए 5 दिन, 500 से 1000 किलोमीटर के लिए 10 दिन और 1000 से ज्यादा किलोमीटर के मूवमेंट पर 15 दिन के लिए मान्य होगा।

E-Way-Bill को दरअसल, जीसटी पोर्टल पर पर GST INS-1 Form के रूप में जारी किया जाता है। इसके बाद इसकी जानकारी माल के Supplier, उसके Transporter और Receiver को हो जाएगी



दोस्तो अगर आपको ये आर्टिक्ल पसंद आया तो Like, Comment, Subscribe और share करना न भूले इससे हमे और भी बेहतर आर्टिक्ल लिखने की प्रेरणा मिलेगी । 


Share:

History of Whatsaap A True Leader of Messenger Apps Some interesting abouts in whatsapp


WhatsApp: A True Leader of Messenger Apps

 Hello Friends वर्तमान मे Social Media दुनिया के हर कोने मे अपनी जगह बना चुका है, हर Generation के लोग अपने दैनिक जीवन मे Social Media से घिरे रहते है।

Social Media के कई सारे Platform है जैसे Facebook, Twitter, YouTube Whatsapp,Telegram, Snapchat etc जैसे कैसे सारे Platform इंसान के जीवन का हिस्सा बन चुकी है। इनमे से जो सबे ज्यादा चलन है वो है Whatsaap का और आज हम बात करेंगे इसी के बारे मे जनेगे कैसे हुई Whatsaap की शुरुआत और भी बहुत कुछ ।

ये Article हमारे Knowledge Panel के चाहिते पाठक Mr Ajit Yadav जी ने भेजा है जिन्हे Social Media के अलावे नए नए विचारों को Blogging के जरिये हम सब तक पहुंचाने का शौक रखते है तो आइये पढ़ते है Whatsaap के बारे मे कुछ रोचक और महत्वपूर्ण जानकारी ।

visit ajit kumar's blog - Blog :- https://downloadstatus.xyz

What is WhatsApp

आज के दिन WhatsApp एक ऐसा नाम है जो शायद ही किसी ने ना सुना हो। WhatsApp एक ऑनलाइन Messenger App है जो इंटरनेट की सहायता से हमारे मैसेज का आदान प्रदान करती है। वैसे तो इंटरनेट की दुनिया ऐसी बहुत सारी Apps हैं जैसे की Hike, Facebook messenger, Instagram, Line, इत्यादि परन्तु WhatsApp इनसे कहीं ज्यादा फेमस और ज्यादा प्रयोग की जाने वाली App है। यह App कई सारे ऑपरेटिंग सिस्टम प्लेटफार्म के लिए उपलब्ध है जैसे की Android, IOS, Symbian, इत्यादि। आप व्हाट्सप्प को Windows OS पर ब्राउज़र में भी चला सकते हैं इसके लिए आपको अपने ब्राउज़र में web.whatsapp.com खोलना है और अपने व्हाट्सप्प अकाउंट से उसे कनेक्ट करना है।

 The Origin of the WhatsApp

व्हाट्सप्प का आविष्कार सन 2009 में Mr. Jam Koum ने किया। उस वक़्त यह अपने आप में एक अनोखी App थी। उस वक़्त लोगों के लिए SMS ही messaging का एकमात्र तरीका था और इसके लिए लोगो को pay करना पड़ता था। उस वक़्त मोबाइल कम्पनीज का SMS चार्ज भी बहुत ज्यादा हुआ करता था। इसलिए लोग जब बहुत जरूरी हुआ करता था तभी मैसेज किया करते थे। व्हाट्सप्प के आने से मैसेज करने का तरीका आसान और फ्री हुआ , इसके लिए लोगों को सिर्फ डाटा पैक की जरुरत पड़ती थी। इसलिए व्हाट्सप्प ने बहुत कम समय में बहुत सारा market acquire कर लिया और इसके users की संख्या दिन ब दिन बढ़ती गयी। आज की तारीख में व्हाट्सप्प के 2 बिलियन users हैं और अभी भी दिन ब दिन इनमे इज़ाफ़ा हो रहा है।

 Facebook Deal

अगर हम ये कहें की व्हाट्सप्प ने messenger App के एरिया में एकक्षत्र राज कर लिया है , तो ये कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। आज की तारीख में अकेले व्हाट्सप्प ने इस मार्किट का लगभग 70% एरिया acquire कर रखा है। बाकी के 30% में और सभी messenger Apps आते हैं जैसे कि Hike, Facebook messenger, Instagram, WeChat, इत्यादि।

व्हाट्सप्प की बढ़ती लोकप्रियता देख कर Facebook के मालिक Mark Zuckerberg ने Mr. Jam Koum को व्हाट्सप्प खरीदने का ऑफर दिया और यह डील 1.5 billion $ में फाइनल हुई। अब यह डील किसके लिए फायदेमंद साबित हुई यही नहीं कहा जा सकता। क्योंकि 1.5 billion $ बहुत बड़ी रकम होती है । लेकिन अगर व्हाट्सप्प की लोकप्रियता और users का ग्राफ देखें तो हम ये भी कह सकते हैं की Mark Zuckerberg के लिए ये डील फायदेमंद ही रही।

WhatsApp Features

2009 में जब व्हाट्सप्प पहली बार market में आया तब यह एक सिंपल messenger Apps था जो मैसेज के आदान प्रदान के लिए प्रयोग होता था। मगर समय के साथ साथ इसमें कई सरे फीचर्स ऐड किये गए जैसे की इमेज शेयरिंग , वीडियो शेयरिंग , व्हाट्सप्प स्टेटस अपलोड , एप्लीकेशन शेयरिंग इत्यादि। आइये आपको वाहट्सएप्प के फीचर्स के बारे में विस्तार में समझते हैं।

1.    इमेज और वीडियो शेयरिंग : व्हाट्सप्प पर आप अपने कांटेक्ट से इमेज या वीडियो शेयर कर सकते हैं। इस फीचर की सहायता से आप अपने फ़ोन में सेव इमेज या वीडियो शेयर कर सकते हैं या फिर डायरेक्ट फोटो खींच कर या वीडियो बना कर शेयर कर सकते हैं। 

2.    whatsaap status : व्हाट्सप्प स्टेटस एक ऐसा फीचर है जिसकी सहायता से आप अपनी फीलिंग्स लिख कर या इमेज और वीडियो अपलोड करके एक्सप्रेस कर सकते हैं। जब भी आप अपना स्टेटस अपडेट करते हैं तो आपके सारे कॉन्टेक्ट्स उसे देख सकते हैं और ये स्टेटस 24 घंटे तक आपके व्हाट्सप्प स्टेटस पर रहता है। अगर आप चाहते हैं की आपका स्टेटस कोई पर्टिकुलर कांटेक्ट देखे या पर्टिकुलर कांटेक्ट ना देखे तो आप अपनी स्टेटस सेटिंग्स में जाकर ये सेट कर सकते हैं।

3.    App शेयरिंग : अप्प शेयरिंग की सहायता से आप अपने फोन में इनस्टॉल किसी भी App की APK व्हाट्सप्प पर शेयर कर सकते हैं।

4.    WhatsApp Pay: WhatsApp Pay व्हाट्सप्प का सबसे लेटेस्ट फीचर्स है। इस फीचर की सहायता से आप कैशलेस ट्रांसक्शन बड़ी आसानी से कर सकते हैं। WhatsApp Pay use करने के लिए आपको सिर्फ अपना बैंक अकाउंट इसमें ऐड करना है और अपनी UPI ID बनानी है।

5.    वर्तमान मे Whatsaap अपनी Privacy Facebook के साथ Share कर रही है और अपने Users को एक notification भी दे रही है जिसे Accept करना बेहद सुरक्षित है ।

Final Words:

ये सब पढ़ने के बाद हम ये तो जरूर कह सकते हैं की messenger App के मार्किट में व्हाट्सप्प का और messenger App से कोई कम्पटीशन नहीं है। व्हाट्सप्प इन सब अप्प से बहुत आगे निकल चुका है और इसकी वजह है इसका टाइम तो टाइम अपडेट होना और नए नए फीचर्स introduce करना। तो अगर अपने अब तक व्हाट्सप्प use नहीं किया है तो अभी जाइये और फ्री messaging और फ्री Cashless Transaction का फायदा व्हाट्सप्प के साथ उठाइये।

Presented By - Knowledge Panel

Written By :- Ajit Yadav

Blog :- https://downloadstatus.xyz

Social Media :- https://www.facebook.com/jeet.yadav.127/ 

Twitter :- https://twitter.com/ajit4u1989


हमे उम्मीद है बताई गई जानकारी आपके लिए बेहतर और Helpful होगी ऐसे ही Knowledgeable और Interesting Hindi Article पढ़ने के लिए Visit करे www.knowledgepanel.in


Share:

अपना खुद का whatsaap स्टिकर कैसे बनाए How to make your Own sticker for whatsaap

hello friends बीते कुछ दिन पहले whatsaap ने अपने fetaures मे बहुत सारे Updates किए है इन्ही Updates मे है वो Whatsaap Stickers ,जो आपके chatting box के just नीचे imoji gif के बगल मे Stickers के option आने लगे होंगे अगर नहीं आ रहे तो तुरंत अपने whatsaap को Update कर लें और खुद की Image Stickers के रूप मे भेजे कैसे आइये जानते है ?
Share:

GST Registration process in Hindi


दोस्तो अगर आप Business Man है लेकिन अभी तक GST Registration नहीं करवाया है तो  तो आपके लिए ये खबर अच्छी है क्यौकी सरकार ने GST Registration की समय सीमा 3 महीने बढ़ा दी है ।

इससे पहले सरकार ने सभी कारोबारियों के लिए इसकी समय सीमा 31 जुलाई तक रखी थी जो कारोबारी अभी वैट या सर्विस टैक्‍स एंड सेंट्रल एक्‍साइज के दायरे में आते हैं, उन कंपनियों को रजिस्‍ट्रेशन में राहत मिलेगी। अगर कारोबारियों ने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो उनको इनपुट क्रेडिट और वैट रिफंड लेना कठिन होगा।

31 जुलाई तक है समय
पूरे भारत मे 1 जुलाई से GST लागू होने जा रही है इसलिए सरकार ने सभी कारोबारियों को 31 जुलाई तक GST Registration करवाने का समय दिया था लेकिन अब सरकार ने इस समय को 3 महीने तक बढ़ा दिया है ।

क्यू समय को बढ़ाया गया
ऐसा इसलिए किया गया की क्योकि की पूरे देश मे तकरीबन 80 लाख लोग ऐसे है जो Excise VAT और service Tax देते है लेकिन इनमे से सिर्फ 64.35 लाख लोगो ने ही GST के लिए Registration करवाया है ।

कहाँ और कैसे करे GST Registration ?
ट्रेडर्स और कारोबारियों को  https://www.gst.gov.in  पर जाकर अपने आप को एनरोल कराना होगा।
ट्रेडर्स और कारोबारियों को अपना यूजर नाम (प्रॉविजनल आईडी) और पासवर्ड लेना होगा। प्रॉविजनल आईडी और पासवर्ड आपको स्टेट वैट, सेंट्रलसेंट्रल एक्साइज, सर्विस टैक्स अथॉरिटी से मिलेगा।
मौजूदा टैक्सपेयर्स उन्हें मिले प्रॉविजनल GSTN नंबर से Enroll कर सकते है ।
उसके बाद अपना Mobile नंबर Email ID डालना होगा
अब आपके मोबाइल नंबर पर OTP आयेगा ।
आपको अपनी पूरी जानकारी और Scan Photo लोड करना होगा ।
Pan card, Bank Details, IFSC Code भी डालने होंगे ।
Registration के लिए कुछ जरूरी Documents
आपको GST Enrollment करने के लिए कुछ Document  देने होंगे जैसे –
Partnership deed
Registration Certificate
MOU
Tax paid receipt
Municipal  Account Copy
Electricity Bill
Rent Agreement
Consent Letter
Bank Statement
Photo
ये सभी जानकारी आपको फीड करनी होगी registration करने के बाद आपको आपके मोबाइल नंबर और Email पर इसकी जानकारी मिल जाएगी

ACES पर भी करना होगा Registration
GST के वैबसाइट मे रैजिस्टर्ड करने के बाद आपको अपने user id , Automation of central excise and service tax (ACES ) की वैबसाइट https://www.aces.gov.in पर भी रैजिस्टर्ड करना होगा । यहाँ पर आप अपना Tax रिटर्न फ़ाइल भी कर सकते है ।
यदि आप GST पर Migrate नहीं करना चाहते है तो ACES पर कोन्फ़र्म कर दे और रिटर्न फ़ाइल कर दे । ऐसा करने से आपके आईडी और पासवर्ड cancel हो जाएगा
Central GST और State GST के लिए एक ही Enrollment नंबर होगा ।     



Source - Danik bhaskar, Google 


Share:

क्राउडफंडिंग क्या होता है कैसे होती है क्राउडफंडिंग What is Crowdfunding ? How to Collect fund through Crowdfunding ?



Hello Friends भारत मे Lokshabha Election का माहौल है ऐसे मे हर रोज आप News Channels मे तरह तरह की बाते सुन रहे होंगे कभी नेताओ की नोक झोक तो कभी जनता की शिकायत। इन सभी बातों के बीच अपने एक शब्द सुना होगा Crowdfunding (क्राउडफंडिंग)
Share:

गूगल नॉलेज पैनल क्या है और कैसे काम करता है Google Knowledge Panel and Knowledge Graph kya hai

What is Google Knowledge Panel and Knowledge Graph
Hello दोस्तों, Knowledge यानि जानकारी आज की दुनिया मे हर कोई पाना चाहता है और Knowledge पाने का सबसे सरल व आसान तरीका है Internet और जब Internet की बात आती है तो Google Search Engine का नाम सबसे आगे होता है । हमे Google पर हर वो जानकारी उपलब्ध हो जाती है जो हम Internet पर Search करते है । Google अपने Users को जानकारी देने के लिए कई तरह के तरीकों का उपयोग करता है जिससे Users को एक ही जगह वो सारी Knowledge प्राप्त हो जाए जो वो Search कर रहा है । इसलिए Google ने 2012 मे Google Knowledge Panel (KP) की शुरुआत की ।
Share:

20 Youtube chnnel Blocked by Indian Govt


 

हैलो फ़्रेंड्स क्या आप जानते है की भारत सरकार ने Information Technology के सेक्टर मे काफी साए बदलाव किए है आए दिन सरकार देश की सुरक्षा को ध्यान मे रखते हुये इंटरनेट और मीडिया क्षेत्र मे उलट फेर करते रहते है । 

बीते दिनों सरकार ने कई सारे Mobile Application को पूर्णत बैंड कर दिया था ऐसा इसलिए क्यूंकि ये Apps देश की जनता के और देश की Economy पे गहरा असर डालती थी । समय समय पर सरकार ऐसे कई सारे गहरे कदम और फैसले पर मुहर लगते रहते है । 

Share:

Featured Post

Web 3.o क्या है और जानिए 2022 मे Youtube के नए Update ,What is Web 3.0 and Youtube Update 2022

  Hello friends अगर आप इस वर्ष 2022 मे Blogging या YouTubers बनने की सोच रहे है तो ये Article आपके लिए बेहद एहम है क्यूंकि हम बात करेंगे ऐसे...

Blog Archive

Translate